छोला मंदिर में बरामद हुए कंकाल का हुई पहचान
28 जुलाई की रात को घर से निकला था मृतक
भोपाल, 10 अगस्त. छोला मंदिर स्थित ग्राम महोली के जंगल से बरामद हुए नरकंकाल की पहचान कर ली गई है. मृतक ग्राम खेजड़ा बरामद का रहने वाला था और खेती किसानी करता था. बीती 28 जुलाई की रात को वह घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा. अगले दिन पत्नी ने थाने जाकर उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी. मर्ग जांच के बाद पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पुरानी रंजिश के चलते आरोपियों ने छुरी मारकर हत्या करने के बाद शव को जंगल में फेंक दिया था. थाना प्रभारी सुरेशचंद्र नागर ने बताया कि सूरज सिंह रैकवार पुत्र रतीराम रैकवार (45) ग्राम खेजड़ा बरामद में रहता था और खेती किसानी करता था. बीती 28 जुलाई की रात करीब साढ़े आठ बजे वह घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा. अगले दिन 29 जुलाई की रात को पत्नी नीरू उर्फ संतोषीबाई रैकवार ने पति की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. उसके बाद से परिजन और पुलिस सूरज सिंह की तलाश कर रही थी. शुक्रवार की सुबह सूचना मिली कि ग्राम महोली के जंगल एरिया में एक व्यक्ति का कंकाल पड़ा हुआ है. पुलिस मौके पर पहुंची और कंकाल बरामद कर पीएम के लिए भेजा. उसके पहले सूरज के परिजनों को बुलाया गया तो उसके बेटे ने शव और चप्पलों के आधार पर शव की पहचान अपने पिता सूरज सिंह के रूप में कर ली. एफएसएल टीम से घटनास्थल का निरीक्षण कराने पर प्रथम दृष्टया मामला हत्या से जुड़ा लग रहा था. शव कई दिन पुराना होने और लगातार हो रही बारिश के कारण कंकाल जैसी हालत में पहुंच गया था. शनिवार को पीएम के बाद लाश परिजन को सौंप दी गई है. चार लोगों पर हत्या का केस दर्ज टीआई नागर ने बताया कि इस मामले में चार आरोपियों नीतेश, छोटूलाल, संदीप और प्रशांत के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पुरानी रंजिश के चलते हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस ने इस मामले में दो संदेहियों को हिरासत में लिया है, जबकि अन्य की तलाश की जा रही है. नाराज परिजनों ने किया थाने का घेराव इस घटना से नाराज परिजन और रिश्तेदारों ने शनिवार को छोला मंदिर थाने का घेराव किया. परिजनों का आरोप था कि गुमशुदगी दर्ज कराते समय उन्होंने कुछ लोगों पर संदेह जाहिर किया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. घटना के समय ही पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू कर देती तो सूरज की जान बच सकती थी.