535 करोड़ के स्टेशन का काम अभी तक हुआ आधा

रेलवे के नये महाप्रबंधक निर्माण कार्यां को देखने आए ग्वालियर, निर्माण एजेंसी को दी सख्त हिदायत
ग्वालियर: उत्तर मध्य रेलवे के नये महाप्रंबधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने बुधवार को रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण एवं विकास कार्यो का निरीक्षण करने आए। महाप्रबंधक विशेष ट्रेन से डबरा सहित अन्य स्टेशनों का निरीक्षण करते हुए ग्वालियर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधीनस्थों के साथ ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर 535 करोड़ रुप्ए की लागत से किए जा रहे पुनर्विकास कार्यों को देखा और उनकी गुणवत्ता को परखा।उन्होंने कार्य की गति पर असंतोष जाहिर करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि काम के दौरान आने वाली सभी बाधाओं को दूर निर्माण तेजी से किया जाए और यात्रियों को परेशानियों से बचाया जाए।

महाप्रबंधक जोशी ने स्टेशन पर सबसे पहले केपीसी प्रोजेक्ट लिमिटेड से जुड़े अधिकारियों व इंजीनियरों से चर्चा कर कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी ली और काम में हो रही देरी का कारण जाना। इस पर कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर चल रहे काम के चलते उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। वहीं रेलवे कर्मचारियों की बिना मदद के खुदाई के दौरान कई बार रेलवे की केबल निकल आती है। काम के दौरान केबल को नुकसान न पहुंचे इसके चलते विशेष ध्यान देना पड़ता है। यहां कई स्थानों पर सीवर लाइन मिल रही है तो कहीं कहीं अन्य तरह की केबल बिछी हैं। इन सबकी सुरक्षा ध्यान में रखते हुए काम करना है। इस वजह से काम में देरी हो रही है।
नहीं मिल रहा ब्लॉक
केपीसी प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने कहा कि काम में तेजी लाने के लिए ब्लॉक की जरूरत है लेकिन उन्हें जरूरत के हिसाब से ब्लॉक नहीं मिल पा रहा है। इस पर महाप्रबंधक ने, रेलवे के अधिकारियों से सभी समस्याओं को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए ताकि कंपनी के कर्मचारियों को काम करने में परेशानी का सामना न करना पड़े। महाप्रबंधक जोशी ने कंपनी के कर्मचारियों से कहा कि आप प्रस्ताव भेजिए काम में तेजी लाने के लिए जितने ब्लॉक की जरूरत होगी वह दिया जाएगा।
एक साल में पूरा होगा काम
केपीसी कंपनी के अधिकारियों ने महाप्रबंधक को बताया कि रेलवे स्टेशन पुनर्विकास का काम एक साल यानी जुलाई 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 5 और 6 नंबर के दो नए प्लेटफार्म भी बनाए जाने हैं। 2022 में रेलवे ने वर्कआर्डर जारी किया था। वर्कआर्डर के अनुसार केपीसी को दिसंबर 2024 तक काम पूरा करना था। लेकिन 19 माह में केवल 40 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। रेलवे के अधिकारियों की माने तो यदि इसी गति से काम चलता रहा तो एक क्या दो साल में भी पूरा नहीं हो पाएगा।

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