12 आरोपियों के घरों पर दबिश
नवभारत न्यूज
इंदौर। नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले को लेकर आज सुबह ईडी ने आरोपियों के घर छापे डाले। करीब 12 स्थानों पर ईडी ने दबिश दी। ईडी सबसे पहले संयुक्त संचालक घर पहुंची। उसके बाद मुख्य आरोपी और ठेकेदारों के घर की तलाशी ली।
आज सुबह नगर निगम के 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने छापामार कार्रवाई की। ईडी के अधिकारी सबसे पहले महालक्ष्मी स्थित नगर निगम के संयुक्त संचालक अनिल गर्ग के घर पहुंची । उसके बाद मुख्य आरोपी अभय राठौर और उसके बहनोई के घर की तलाशी ली। करीब 12 जगहों पर आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी गई।
फर्जी बिल घोटाले में ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट में प्रकरण दर्ज किया था। उसी के तहत आज छापामार कारवाई की गई। उक्त दोनों मास्टर माइंड के अतिरिक्त निगम के राजकुमार सालवी, ठेकदार रेणु वढेरा ,हरीश श्रीवास्तव,मोहम्मद साजिद,एहतेशाम पिता बिल्किस खान, जाहिद खान,मोहम्मद सिद्धकी,उदयसिंह भदौरिया, मुरलीधर और गोतम व्यास के घरों पर छापे डाले गए।
ध्यान रहे कि फर्जी बिल घोटाले का खुलासा कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता ने किया है। इस घोटाले में पूर्व महापौर और विधायक मालिनी गौड़, लेखा अपर आयुक्त वीरभद्र शर्मा की भूमिका संदिग्ध है।
7 एफआईआर दर्ज
फर्जी बिल घोटाले में निगम के कार्यपालन यंत्री अभय राठौर, संयुक्त संचालक अनिल गर्ग, उदयसिंह भदौरिया, चेतन भदौरिया, राजकुमार सालवी, समरसिंह , सहायक लेखा अधिकारी रामेश्वर परमार के साथ ठेकेदार मोहम्मद सिद्धकी, मोहम्मद साजिद, रेणु वढेरा, एहतेशान, मुरलीधर, गोतम व्यास सहित 20 से ज्यादा आरोपी है। आरोपियों कर खिलाफ धारा 420,467,468,474, 120 बी और 34 में प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें से मुरलीधर की अग्रिम जमानत हो चुकी है। बाकी सभी आरोपी जेल में बंद है।
कांग्रेस ने की थी शिकायत
फर्जी बिल घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने लेखा अधिकारी वीरभद्र शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों को भी आरोपी बनाए जाने के लिए पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन दिया था।