मेरी जिंदगी है छिन्दवाड़ा, यहां की जनता मेरे दिल की धडक़न:कमलनाथ

-जवानी समर्पित की, अब अंतिम सांस तक सेवा करूंगा
छिन्दवाड़ा. हमारा जिला पिछड़े जिले के रूप में पहचाना जाता था जिससे उबरकर चहुंमुखी विकास की इबारत मैंने आप लोगों के सहयोग से ही लिखी है। छिन्दवाड़ा को मैंने कभी निर्वाचन क्षेत्र या फिर एक जिला नहीं, बल्कि अपनी जिंदगी मानी है, इसीलिये जब-जब यहां कोई संकट आया है तब-तब मैं उन परेशानियों को दूर करने के लिये आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा हूं और जो बन पड़ा वो सबकुछ किया हूं। यहां की जनता मेरे लिये मतदाता नहीं बल्कि मेरे दिल की धडक़न है। इन बातों को केवल आप समझ सकते हैं, क्योंकि गुजरे हुये 44 वर्षों में आप लोगों ने अपने बदलते व संवरते हुये छिन्दवाड़ा-पांढुर्ना को देखा। आगे का सफर लम्बा है किन्तु इसे हम मिलकर तय करेंगे और विरोधियों के सारे षड्यंत्रों को विफल भी करेंगे।

मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज पांढुर्ना व मोहगांव में आयोजित दो ऐतिहासिक जनसभाओं को सम्बोधित करते हुये उक्त उदगार व्यक्त किये। जनसभाओं में उपस्थित अपार जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुये पूर्व सीएम श्री नाथ ने कहा कि पांढुर्ना और सौंसर में संतरे तो पहले भी होते थे, लेकिन उनके लिये बाजार सीमित था। बाहर से व्यापारी आकर औने-पौने दामों में फसल खरीदते थे, क्योंकि किसानों को अपनी उपज देश की अन्य मंडियों में भेजने के लिये संसाधन नहीं हुआ करते थे। सामूहिक प्रयासों से पांढुर्ना में ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ाये साथ ही रैक भी लगवाई। आज हमारे संतरांचल की फसल देश के कोने-कोने और विदेशों तक पहुंच रही। यह हमारा विकास और सबसे बड़ी उपलब्धि भी है कि हमारे जिले की उपज को नई पहचान मिली है।

ग्रामीण सडक़ों के निर्माण से लेकर स्टेट व नेशनल हाइवे के निर्माण को लेकर मेरी सोच केवल आवागमन तक सीमित नहीं थी, इससे रोजगार के अवसर उत्पन्न हुये, रेत, गिट्?टी, मिट्?टी अपनी और काम में ट्रैक्टर व डम्पर भी अपने ही लगे इससे आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी। मैं हमेशा कहता हूं कि किसान आर्थिक रूप से मजबूत होगा तभी गांव और शहर की दुकान चलेगी, इसी मंशा को दृष्टिगत रखते हुये मैंने अपने मुख्यमंत्रीत्व कार्यकाल में सर्वप्रथम जिले के 80 हजार किसानों का कर्ज पहली किश्त में माफ किया, आगे भी कर्जमाफी जारी रहती, किन्तु सरकार गिरा दी गई और उन्होंने सत्ता में आते ही सर्वप्रथम जय किसान ऋणी माफ योजना को बंद कर दिया।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने उदबोधन में आगे कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती युवाओं के रोजगार की है। आज का युवा ठेका या फिर कमीशन नहीं चाहता वह अपने हाथों में रोजगार चाहता है, किन्तु वर्तमान सरकार की गलत नीतियों के चलते निरंतर शासकीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर धीरे-धीरे समाप्त किये जा रहे, यह निकट भविष्य के लिये बिल्कुल ठीक नहीं है, क्योंकि युवा ही हमारे जिले, प्रदेश व देश का भविष्य है। जो भविष्य है उसे वर्तमान में ही अंधकार में धकेला जा रहा है तो फिर हम कैसे स्वर्णिम काल की कल्पना कर सकते हैं यह तो युवा पीढ़ी के साथ सबसे बड़ा अन्याय है। शासकीय भर्तियों में पूर्व के वर्षों में हुये घपले और घोटालों की जांच पूरी भी नहीं होती और प्रदेश में एक नया घोटाला हो जाता है। कमोबेश अन्य योजनाओं के भी यही हालात है जिनसे समाज का हर वर्ग जूझ रहा फिर भी उन्हें नये सपने दिखाकर बहकाया व बरगलाया जा रहा है।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने उदबोधन के अंत में उपस्थित अपार जनसमूह से कहा कि सच्चाई आपके सामने हैं किस तरह आप लोग महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ते भ्रष्टाचार, अपराध व अत्याचार से जूझ रहे हैं। इन सबका जवाब देने का अब समय आ चुका है।

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