भोपाल, 30 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में शासकीय शिक्षण संस्थान नहीं हैं वहां निजी विद्यालय की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएं। विद्यार्थियों को शिक्षा दिलावाना महत्वपूर्ण और प्राथमिक कार्य है। शासकीय संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की निरंतर मानिटरिंग की जाएं। पीपीपी मोड पर विद्यालयों के संचालन को प्रोत्साहित किया जाएं।
डॉ यादव आज यहां मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के अंतर्गत विभिन्न शिक्षण सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए जन-सहयोग भी प्राप्त हो रहा है।
शिक्षा सचिव डॉ संजय गोयल ने बताया कि सीएम राइज विद्यालयों के प्रथम चरण के अंतर्गत विद्यालयों के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई हैं। इन विद्यालयों में शिक्षण स्तर और अध्ययन व्यवस्था के संबंध में नियमित समीक्षा की जा रही है। बैठक में शासकीय विद्यालयों की सुविधाओं के विकास के लिए बजट व्यवस्था के संबंध में भी वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।