एक शिवलिंग ऐसा जहां एक बार अभिषेक करने से मिलता है 1111 शिवलिंग का फल 

सावन माह में दर्शनों के लिए उमड़ रहे श्रद्घालु

 

नलखेड़ा, 22 जुलाई. नगर से 17 किमी दूर दक्षिण दिशा में स्थित ग्राम गोंदलमऊ में स्थित एक पुरातन शिव मंदिर नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्घ है. यहां के शिवलिंग पर ग्यारह सौ ग्यारह शिवलिंगों की आकृतियां उभरी हुई हैं. श्रावण मास में श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा बढ जाती है. प्रतिदिन सैकड़ों शिव भक्त भगवान भोलेनाथ का पूजन अभिषेक करने पहुंचते हैं.

नलखेड़ा नगर से दक्षिण दिशा में लगभग 17 किमी दूर ग्राम गोंदलमऊ में पांडवकालीन शिवमंदिर स्थापित है. यहां क्षेत्र सहित देश के विभिन्न जगहों से आकर आराधना करने वाले भक्तों की खासी भीड़ लगी रहती है.यहां स्थापित शिवलिंग राजस्थान की चंद्रभागा नदी किनारे स्थित एक प्रसिद्घ शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग के समान लाल पत्थर का बना हुआ है. इस स्थान पर एक जीर्णशीर्ण मंदिर था. जिसका ग्रामीणजनों द्वारा पुर्ननिर्माण करवाकर एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया. मंदिर के समीप ही एक धर्मशाला का निर्माण भी किया गया है. यहां एक बार अभिषेक करने पर 1111 अभिषेक का पुण्य प्राप्त होता है.

 

कई स्थानों से आते है भक्तजन…

 

महादेव के इस अद्त स्वरूप के दर्शन करने भक्त दूर दूर से मंदिर में पहुंचते हैं. सावन महीने में अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन होता है. वहीं प्रत्येक सावन सोमवार को पुजारी पं. ललित नागर द्वारा महाअभिषेक किया जाता है. सैकड़ों की संख्या में भक्तजन भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं, वहीं महाशिवरात्रि पर पांच हजार से अधिक भक्तजन मंदिर पहुंचते हैं. ग्राम गोंदलमऊ में एक विशाल तालाब है जिसका क्षेत्रफल लगभग कई बीघा से अधिक का है. इस तालाब से सैकड़ों वर्षो से ग्रामीणजन खेतों में सिंचाई कर रहे हैं. यह तालाब वर्षाकाल में लबालब भर जाता है.तब यहां का दृश्य बेहद रमणिक दिखाई देता है.

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