जगदलपुर, 20 जुलाई (वार्ता) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते आवागमन प्रभावित हुआ तथा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक मुख्यालय से 237 गांवों का संपर्क टूट चुका है।
वहीं बारिश के कारण एक कच्चे मकान का दिवार ढह जाने से दो बच्चे दब गए जिनका उपचार जारी है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इंद्रावती, शबरी, संकनी-डंकनी और छोटे नदी-नाले उफान पर हैं। बीजापुर जिले में लगातार हो रही वर्षा से संभागीय मुख्यालय से 237 गांवों का संपर्क टूट चुका है। जगदलपुर बीजापुर मार्ग पर भैरमगढ़, जांगला सहित कई स्थानों पर पुल के उपर पानी भरा हुआ है जिसके कारण दो दिनों से आवागमन प्रभावित हुआ है।
सुकमा में लगातर बारिश से सुकमा जिले के नदी नाले उफान पर हैं।
पोगाभेजी एकिस्ताराम इलाके के 50 से अधिक गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है। लगातार हो रही बारिश से गोदावरी व शबरी नदी के जल स्तर में बढोतरी हो रही है।
पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र व तेलंगाना में हो रही बारिश से भी राज्य के कई छोटे, उप नदी व नाले उफान पर हैं। बस्तर संभाग में गोदावरी व शबरी नदी उफान पर हैं तथा दोनों के खतरे के निशान से ऊपर होने की आशंका जताई जा रही है।
सुकमा के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को अलर्ट रहकर स्थिति की निगरानी करने व लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की।
इधर नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ प्रखंड का ओरक्षा टापू बन चुका है। टेकानार पिनकुंडा नदी में बाढ़ आ जाने के कारण आवागमन ठप है।