कहीं मस्ती का बिखरेगा रंग, तो कहीं उड़ेगा अबीर-गुलाल

होली है…भई होली है…बुरा न मानो होली है….सोमवार को ही चंद्रग्रहण भी रहेगा

 

नवभारत

उज्जैन। शहर में होली का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। रविवार की दरमियानी रात शहर में करीब सौ से अधिक स्थानों पर होली का दहन होगा और फिर दूसरे दिन सोमवार को धुलेंडी का त्योहार मनाया जाएगा। कहीं हुरियारों की टोली आनंद और मस्ती का रंग बिखेरेगी, तो कहीं अबीर और गुलाल उड़ाया जाकर मस्ती का त्योहार मनाया जाएगा। हालांकि इस बार लोकसभा चुनाव होने के कारण पुलिस प्रशासन की सख्ती कुछ अधिक रहेगी। बावजूद इसके मालवाअंचल के उज्जैन में इस होली के त्योहार को उमंग के साथ मनाने की परंपरा अवश्य ही कायम रहेगी।

सक्रिय हुई उज्जैन की पुलिस-होली के त्योहार के मद्देनजर उज्जैन की पुलिस सक्रिय हो गई है। हालांकि लोकसभा चुनाव के कारण भी कुछ ज्यादा ही सख्ती दिखाई दे रही है। लेकिन शहर के प्रमुख चौराहों पर पुलिस के जवान मुस्तैदी से ड्यूटी दे रहे हैं। वहीं दो पहिया वाहनों पर तीन सवारियां बैठाने वालों को भी बख्शा नहीं जा रहा है।

साल का पहला चंद्र ग्रहण-इस बार की होली खास है क्योंकि साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा जो भारतीय समय के अनुसार सोमवार 25 मार्च को सुबह 10.23 मिनट से शुरू होगा। होली पर साल का यह पहला चंद्र ग्रहण होगा। ग्रहण का समापन दोपहर 3 बजकर 02 मिनट पर होगा। हालांकि भारत में इस चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में हो, जिससे पृथ्वी, सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोक देती है तो चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना होती है। चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं-पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और उपछाया चंद्रग्रहण।

 

 

सबसे पहले होली महाकाल मंदिर में खेलेंगे

उज्जैन में सबसे पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर में 24 मार्च होलिका दहन किया जाएगा तथा 25 मार्च को धुलेंडी का पर्व मनाया जावेगा। श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर को गुलाल अर्पित किया जावेगा। सायं आरती के पश्चात श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में ओम्कारेश्वर मंदिर के सामने होलिका के विधिवत पूजन-अर्चन के पश्चात होलिका दहन किया जावेगा। 25 मार्च धुलेंडी के दिन प्रात: 4 बजे भस्मार्ती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर को मंदिर से पुजारी-पुरोहितों द्वारा रंग व गुलाल लगाया जाएगा।

 

इनका कहना

 

26 मार्च से परंपरानुसार ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होगा।

-संदीप सोनी, महाकाल मंदिर प्रशासक

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