केबिनेट बैठक मेें 217 करोड़ 73 लाख मंजूर
निर्माण कार्यों में आएगी गति, शीघ्र पूरा होगा काम
धर्मेन्द्र सिंह चौहान
इंदौर: सांवेर रोड स्थित अधूरे पड़े सेंट्रल जेल की इमारत को नए सिरे से संवारने के लिए बुधवार को हुई केबिनेट बैठक में अहम फैसला लिया गया हैं. मुख्यमंत्री ने जेल के लिए 217 करोड़ 73 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं. इसके बाद जेल के निर्माण में गति आएगी और इसे शीघ्र ही पूरा किया जाएगा.गौरतलब है कि 2002 में सांवेर रोड स्थित 50 एकड़ जमीन पर उक्त जेल का निर्माण शुरु किया था जो 2010 में बंद कर दिया गया था. तब से ही यह अधूरा पड़ा हुआ है. यहां तक कि जो स्टाफ रुम्स बने थे वह भी जर्जर हालत में हो गए. स्टाफ रुम्स के खिडक़ी दरवाजे चोरी तक हो चुके है.
इसके निर्माण के पहले चरण में 18 करोड़ खर्च हुए थे, जबकि दूसरे चरण में 125 करोड़ रुपए खर्च कर करने के बाद काम बंद कर दिया गया था. 10 जुलाई बुधवार को भोपाल में केबिनेट की हुई बैठक में अधूरे जेल को पूरा करने के लिए 217 करोड़ 73 लाख रुपए फिर से मंजूर किए गए है जिससे जेल निर्माण के कार्य में तेजी आएगी. अब सांवेर रोड स्थित जेल को हाई सिक्यूरिटी बनाया जाएगा. ऊंची पहाड़ी पर सेंट्रल जेल बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा इसकी क्षमता बढ़ाते हुए अब यहां पर 2131 कैदियों की क्षमता होगा.
साथ ही प्रीमाइसेस में अंडा सेल और आईसोलेशन सेल जैसा अति सुरक्षित जेल बनाया जाएगा.यह सुविधा भी होगी- इस जेल के अंदर मंदबुद्धि, विकलांग और थर्डजेंडर कैदियों को रखने की योजना के अनुसार बैरक भी डिजाइन किए गए है. साथ यहां पर निगरानी के लिए आठ वाच टॉवर बनाए जा रहे हैं.निगम पहुंचाएगा पानी-नगर निगम सीमा में न होते हुए भी निगम ने जल प्रदाय व्यवस्था के लिए विशेष प्रावधान करने की सहमति दी है. तीन मंजिला जेल भवन और कैदियों की बैरक ऐसी बनाई जाएंगी कि कोई भी बंदी सडक़ से नजर आए. इनकी गोपनीयता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है.70 के दशक में दिया था सुझाव -मध्यप्रदेश में 70 के दशक में गठित आयोग ने इंदौर शहर के लिए सेंट्रल जेल बनाने का सुझाव दिया था. पांच दशक तक यह प्रस्ताव लालफीताशाही का शिकार बना रहा. वर्ष 2002 में हाउसिंग बोर्ड ने इसके निर्माण का काम हाथ में लिया था, पांच साल बाद इसे पीडब्ल्यूडी के सुपुर्द कर दिया. अब इसे पीआईयू को देने की संभावना जताई जा रही है.
अब कार्य को मिलेगी गति
बजट भी मंजूर होने से कार्य को मिलेगी गति जेल निर्माण के दौरान पैसों की कमी से कार्य की गति धीमी जरुर हुई, मगर अब कैबिनेट बैठक में जेल निर्माण के लिए 217 करोड़ 73 लाख रुपए मंजूर करने से यहां कार्य में आ रही रुकावटे दूर हो जाएंगी. जिससे तय समय सीमा में नई जेल बनकर तैयार होजाएगी.
– अलका सोनकर, जेल अधीक्षक
खूंखार बंदियों के लिए अंडा सेल
खूंखार बंदियों के लिए यहां पर एक अंडा सेल का निर्माण भी किया जाएगा. जहां खूंखार कैदियों को रखने के लिए आईसोलेशन सेल भी बनेगी. अंडासेल वहां होती हैं जिसमें जाने के लिए चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को पार करना पड़ता है. पूरे प्रीमाइसेस की दीवार 6 मीटर ऊंची है.
हर सुविधा होगी
नई जेल में बंदियों के लिए हर सुविधा उपलब्ध रहेगी जैसे बैरक, अस्पताल, महिला कारागार, झूलाघर, अनाज गोदाम, ट्रेनिंग सेंटर, स्कूल, रिसेप्शन बैरक, मल्टीपरपज हॉल और एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का निर्माण. किचन को बैरकों के पास भी बनाया जाएगा. वहीं पूरे परिसर की निगरानी के लिए एक दर्जन टॉवर भी बनने है.