रीवा:भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा रविवार को धूमधाम से निकाली गई. भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के साथ रथ में बैठकर शहर भ्रमण के लिये निकले. लक्ष्मणबाग से शुरू हुई रथ यात्रा विभिन्न मार्गो से होकर गुजरी. जहां जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया और भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर प्रसाद प्राप्त किये. धार्मिक एवं सामाजिक और व्यापारी संगठनो द्वारा स्वागत किया गया.उल्लेखनीय है कि रीवा नगर में हर वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा धूमधाम से निकाली जाती है. रविवार को विशेष पूजा अर्चना के बाद रथ यात्रा शुरू हुई. रात में जगमग रंग-बिरंगी रोशनी और गाने की धुन पर यात्रा की धूम देखने को मिली. यात्रा पहले लक्ष्मण बाग मंदिर से चलकर किला पहुंची. जिसके बाद शहर के भ्रमण पर निकली. भगवान जगन्नाथ की यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए.
यात्रा बिछिया, किला, पीटीएस, नया बस स्टैंड, सिरमौर चौराहा, कॉलेज चौराहा और शिल्पी प्लाजा होते हुए आगे बढ़ती गई. हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. रथ यात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ स्वामी बलभ्रद और बहन सुभद्रा की प्रतिमा को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. जिन्हें पूरे-विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ रथ में सवार किया गया. शहर में जगह-जगह पर जगन्नाथ यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. लोगों ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया. रथ में बैठे पुरोहित लोगों को प्रसाद बांटते गए. बाजे-गाजे के साथ रथ यात्रा आगे बढ़ रही थी. नगर की प्राचीन परम्परा के अनुसार जगह-जगह स्वागत किया गया. धर्म परिवार द्वारा यात्रा का स्वागत अभिनंदन फोर्ट रोड़ में किया गया.
15 दिन बीमार रहने के बाद निकले नगर भ्रमण पर
लक्ष्मणबाग में भगवान जगन्नाथ 15 दिन पूर्व बीमार हुए थे जिनका नगर वैद्य द्वारा उपचार किया गया. पुजारी ने बताया कि मान्यता है कि भगवान आषाढ़ मास में भगवान बीमार हो गए थे. जिनका आयुर्वेदिक औषधियों से इलाज किया गया. फिर 15 दिन बाद भगवान स्वस्थ्य होकर आज शहर भ्रमण पर निकले हैं. परंपरा के अनुसार शहर में हर साल रथयात्रा निकाली जाती है. जिसे लेकर लोग काफी उत्साहित रहते हैं. तीन दिन पूर्व जगन्नाथ स्वामी ठीक हुए, नगर वैद्य देखने गये थे.
रात्रि विश्राम मानस भवन में
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा लक्ष्मणबाग से निकली जो विभिन्न मार्गो से होते हुए स्थानीय मानस भवन पहुंची. जहा रात्रि विश्राम हुआ और अगली सुबह भंडारा प्रसाद वितरण उपरांत यात्रा एसएएफ चौराहा होते हुए वापस लक्ष्मणबाग मंदिर पहुंचेगी. देर रात रथ यात्रा मानस भन पहुंची, जहां दर्शन के लिये भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी. देर रात तक यहा दर्शन के लिये लोग खड़े रहे और भजन कीर्तन करते रहे. परम्परा चली आ रही है रथ यात्रा का विश्राम मानस भवन में होता है. 8 जुलाई को आरती एवं छप्पन भाग प्रसाद ग्रहण करने के बाद यहा से लक्ष्मणबाग के लिये यात्रा रवाना होगी