साइबर फ्रॉड के फिशिंग स्कैम से बचे

अपने ओटीपी और अकाउंट की जानकारी ना दे

इंदौर: आज कल साइबर फ्रॉड का शिकार हर कोई हो रहा है। साइबर फ्रॉड की इंदौर पुलिस को रोज ढेरों शिकायतें मिल रही है। इसी को ध्यान में रखकर नवभारत ने जनता की सुरक्षा के लिए हर सोमवार एक खबर और उससे बचने की एडवाजरी जारी लेने का निर्णय लिया है।इसी के तहत आज हम आपको साइबर ” फिशिंग स्कैम ” की जानकारी दे रहे है।आजकल हर दिन कोई न कोई ठगी का शिकार हो रहा है।इसमें साइबर ठग द्वारा फर्जी मैसेज भेजे जा रहे है जिसमें कोरियर/पार्सल डिलेवरी प्राप्त होने में एड्रेस की गलती होने का झूठ लिखा होता है।

मैसेज में भेजे गए फर्जी लिंक के माध्यम से एड्रेस अपडेट करने का बताया जाता है । व्यक्ति अपने किसी अन्य ऑर्डर/पार्सल आदि होने का सोचकर ठग द्वारा भेजी गई लिंक पर क्लिक करता है। फिर अपनी निजी एवं ओटीपी सहित बैंक अकाउंट की जानकारी फिशिंग लिंक पर सबमिट कर देता है। यह लिंक भारतीय डाक विभाग से मिलती जुलती होती है, जो फर्जी रहती है। फिशिंग लिंक पर जानकारी देते ही तुरंत उस व्यक्ति के पैसे साइबर ठग के पास चले जाते है और ऑनलाइन ठगी की वारदात हो जाती है।
अतः साइबर फ्रॉड से बचाने लिए तुरंत पुलिस के 1930 नंबर पर कॉल कर सूचित करे। इंदौर में आप ठगी के शिकार हो गए है और 1930 नंबर व्यस्त आ रहा है तो 7049124445 पर संपर्क करे।
इंदौर में साइबर सेल और क्राइम ब्रांच के इंचार्ज एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आम जन साइबर फ्रॉड से डरे नहीं, बल्कि उसकी शिकायत करें। आज हमने फिशिंग स्कैम कैसे होता है , वह बताया है। इंदौर पुलिस अलग अलग तरह से होने वाले साइबर फ्रॉड की जानकारी देकर जनता को जागरूक करती रहेगी ।

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