450 एमएलडी से भी नहीं हो रही पूर्ति
इंदौर: नगर निगम ने शहर में नए व्यवसायिक नल कनेक्शन देने पर रोक लगा दी है. इसका कारण पानी की कमी बताया जा रहा है. साथ ही पुराने व्यवसायिक कनेक्शन पर भी पानी की कटौती कर दी है. 450 एमएलडी पानी मिलने के बाद भी पूर्ति नहीं हो पा रही है.नगर निगम ने शहर और आसपास के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को नए नल कनेक्शन देने से मना कर दिया है. नगर निगम को फिलहाल 436 एमएलडी मिल रहा है और कई इलाकों में टैंकरों से आपूर्ति करना पढ़ रही है.
नगर निगम को इस बार रहवासी इलाकों में पानी की पूर्ति करने में पसीना आ गया. इस बार गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड दिए। शहर में पानी की कमी हर जगह बनी हुई है. हालत यह है कि निगम को नर्मदा के तृतीय चरण से 2008 में 450 एमएलडी पानी मिलने की शुरुआत हुई थी. उस समय शहर की आबादी 25 से 30 लाख थी. आज शहर में आबादी 35 से 40 लाख के करीब है. निगम को सारे स्रोत से फिलहाल 436 एमएलडी पानी ही मिल रहा है, जिससे सभी इलाकों में पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है.
रहवासी इलाकों में प्राथमिकता
निगम ने शहर के सभी व्यवसायिक होटल्स, मॉल और व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स को नए नल कनेक्शन देने से मना कर दिया है. इतना ही नहीं, बल्कि कनेक्शन के लिए जो राशि जमा करवाई गई, उसे भी आवेदन देकर राशि वापस लेने का कहा है. निगम ने पुराने व्यवसायिक नल कनेक्शन के पानी में भी कटौती कर दी है. उसकी जगह रहवासी इलाकों में पानी देना प्राथमिकता कर दी है. निगम सिर्फ घरेलू नए नल कनेक्शन दे रहा है. ध्यान देने वाली बात यह है कि निगम के पास फिलहाल करीब 50-75 व्यवसायिक नल कनेक्शन के आवेदन आएं, जिनको मना किया गया है।
राजस्व का नुकसान
नगर निगम को जलकर से हर साल 85 करोड़ का राजस्व मिलता है. अकेले 1000 से 1200 व्यवसायिक नल कनेक्शन से 35 करोड़ का राजस्व मिलता है. बाकी 3.5 लाख घरेलू उपभोताओं से 50 करोड़ रूपए राजस्व मिलता है.
प्राथमिकता रहवासियों को पानीः मिश्रा
निगम के अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने कहा कि हमारी प्राथमिकता रहवासियों को पानी उपलब्ध करवाना है. व्यवसायिक प्रतिष्ठान बोरिंग, टैंकर और वाटर प्यूरीफायर से काम चला सकते है. इसलिए हमने सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को नए नल कनेक्शन देने पर रोक और पुराने व्यवसायिक कनेक्शन पर कटौती कर दी है