भोपाल, 04 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि ई-पंचायतों की स्थापना के लिए सभी बुनियादी व्यवस्थाओं की आपूर्ति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री पटेल ने विभाग की आज यहां मंत्रालय में साप्ताहिक समीक्षा बैठक ली। उन्होंने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से विभिन्न विषयों पर चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास राधा सिंह, अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव, संचालक पंचायत राज मनोज पुष्प, आयुक्त मनरेगा कृष्ण चैतन्य सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि आगामी समीक्षा बैठकों में सभी जिला पंचायत सीईओ जो भी विशेष प्रयास ग्रामीण विकास के लिए कर रहे हैं उनकी प्रजेंटेशन अनिवार्य रूप से दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना में सुचारु क्रियान्वयन के लिये प्रत्येक जिले को एक प्रभावी मॉडल तैयार करने का प्रयास करना चाहिए।
श्री पटेल सभी पंचायतों में एनआईसी और बीएसएनएल प्रणाली की प्रभावशीलता का आंकलन किया जाए, जहाँ उक्त प्रणाली प्रभावी न हो वहाँ हम वैकल्पिक व्यवस्था की कार्यनीति तैयार कर लें। इसी के साथ ही पंचायतों में कम्प्यूटर सिस्टम की उपलब्धता का भी आंकलन किया जाए।
ग्राम पंचायतों के डिजिटलीकरण का उद्देश्य पंचायतों की कार्य प्रणाली में सुधार लाना और उन्हें अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाना है। विगत साप्ताहिक समीक्षा बैठक में मंत्री श्री पटेल द्वारा इंदौर जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन द्वारा ज़िले की चार ग्राम पंचायतों को शत प्रतिशत डिजीलॉकर युक्त बनाने के लिए किए गए कार्यों की प्रशंसा की थी। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए सभी अधिकारियों को ग्राम पंचायतों के डिजिटलीकरण के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए गए थे।
मंत्री श्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किए गए पौध-रोपण एवं जीर्णोद्धार कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज़िलों में रोपे गए पौधों का शत-प्रतिशत सर्वाइवल रेट सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसकी सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी जिला पंचायत सीईओ की रहेगी के लगाए गए सभी पौधें जीवित रहें।