शहरवासियों को हो रही परेशानी पर ना तो नपा और ना ही यातायात विभाग का घ्यान
झाबुआ: नगर के गेट के समीप चाचा नेहरू बालोद्यान का स्वरूप बदल गया है। वषो पूर्व नगरपालिका परिषद द्वारा बगीचे में दुकानों का निर्माण किया गया, जबकि नियमानुसार उद्यान की भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण नही किया जा सकता है, फिर भी उस समय दुकानों के निर्माण से बगीचे को क्षति पहुंचाते हुए लगभग दो दर्जन दुकानों का निर्माण किया गया। उसके बाद से उक्त बगीचे पर उसकी बर्बादी के बादल मंडराने लगे और उसके बाद से इस उद्यान के रखरखाव पर ध्यान देना बंद कर दिया। पिछले कुछ वर्षों पूर्व सब्जी बेचने वालो के लिए यह जगह तय की गई। बगीचे एवं सब्जियों की दुकानों पर जाने के लिए लिए रपटनुमा ढलान बनाई गई। भाई लोग बताते है कि यहां विभिन्न कार्यो में लाखो रूपये खर्च करने के बाद भी वर्तमान में अधिकांश सब्जी की दुकाने नियत स्थान बगीचे में न लगते हुए पावर हाऊस रोड पर ही लग रही है। यहां तक की सब्जी मंडी में जाने वाले रास्ते पर भी दुकाने लगाई जा रही है। बारिश के दौरान बगीचे में पानी भी भर जाता है, जिससे मच्छर भिन्न भिना रहे है। साथ ही व्यापारियों और ग्राहकों के लिए पेयजल, सुविधाघर आदि व्यवस्था नही होने से वे वहां व्यापार नही करते हुए बाहर लगाते है।
आए दिन होते रहते है विवाद
पॉवर हाउस तथा उसके आसपास के रहने वाले लोगों को अपने दो एवं चार पहिया वाहन अपने घर तक ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पडता है। इस चलते आए दिन विवाद की स्थितियां भी निर्मित होती है। इसी मार्ग पर हॉटल, लॉज होने से इन स्थानों पर ग्राहकों का भी वाहनो से आना जाना लगा रहता है। ऐसे में सड़क पर लगी सब्जियों की दुकानों पर वाहन के पहिए चढने पर विवाद होते है। ऐसा ही मामला बीते दिनों देखने को मिला, जब एक चार पहिया वाहन से इस मार्ग से निकल रहा था, तो वाहन का पहिया एक दो पहिया वाहन से टकरा गया जिसके बाद वाहन चालकों में बहस के बाद स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई और मौके पर लोगों की भारी भीड़ भी जमा हो गई।
राहगीर और वाहन चालक हो रहे परेशान
सड़क के दोनो ओैर 24 घंटे दो और चार पहिया वाहन पार्किंग किए हुए भी देखे जा सकते हैं। यहीं पर एक निजी बैंक, लॉज और भोजनालय भी है। जिसमे पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण बैंक स्टाफ सहित लॉजों में ठहरने वाले और भोजनालयों में आने जाने वाले ग्राहकों के चार पहिया, दो पहिया वाहन भी सड़क पर ही खड़े रहते है। वर्तमान मंें थांदला गेट से पॉवर हाऊस रोड़ जाने वाला मार्ग स्थायी एवं अस्थायी अतिक्रमण के कारण काफी सकरा होने से पैदल राहगीरों और वाहन चालकांे को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। थांदला गेट पर ही चिंतामगण गणेश मंदिर भी है। जिसके आसपास भी अव्यवस्थित रूप से ठेलागाडि़यां लगने से मंदिर में आने-जाने वाले भक्तजनों को परेशानी होती है। इस संबंध मंें न तो नपा और ना ही यातायात विभाग द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है। जिसके कारण यहां व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रहीं है। लगता है दोनो महकमों को यहां संचालित व्यापारिक प्रतिष्ठानों से सद्भाव बना हुआ है और इसी के चलते वे उन पर कार्यवाही करने का साहस नही जुटा पा रहे है और किसी बड़े हादसे या विवाद का इंतजार कर रहे है।