नर्सिंग होम, शैक्षणिक संस्थान व मॉल में में नही फायर सेफ्टी के इंतजाम

नगर निगम जारी कर चुका है नोटिस लेकिन फिर भी संचालक नहीं दे रहे ध्यान

छिंदवाड़ा। विगत दिनों हुए दर्दनाक आगजनी की घटना के बाद छिंदवाड़ा प्रशासन भी सचेत हो गया था। जहां उन्होंने नर्सिंग होम, अस्पताल तथा सात मंजिला तक बिल्डिंग में फायर सिस्टम लगवाने की कवायद शुरू कर दी थी। जिसके चलते निगम की टीम द्वारा भवनों व कॉलेजों सहित शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण भी किया था। जहां उन्हे फायर सेफ्टी के उपकरण नहीं मिल पाए थे। इसके बाद उन्होंने कई भवन संचालको को नोटिस भी दिया था। लेकिन लगता है इस बार की कार्यवाही भी केवल नोटिस तक ही सिमट के रह जाएगी। पिछले भर भी ऐसी ही घटना के बाद जिला प्रशासन व नगर निगम की टीम सक्रिय हुई थी। लेकिन तब भी कार्यवाहीं महज नोटिसों तक ही सीमित रह गई थी। इस बार की कार्यवाही में भी कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है।

कोरोना के बाद तेजी से बढ़ी संख्या 00000000000000000

निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2019 में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद शहर के 48 वार्ड में जगह-जगह प्राइवेट नर्सिंग होम और निजी अस्पताल स्थापित हुए हैं। कोरोना संक्रमण के बाद इसकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा व्यावसायिक कॉप्लेक्स और सात मंजिला बिल्डिंग का निर्माण भी हुआ है। इसे देखते हुए निगम अधिकारियों ने पिछले दो साल में 80 भवन मालिकों को नोटिस जारी किए हैं। इनसे अपने भवन में फायर सिस्टम की स्थापना कर निगम से एनओसी लेने निर्देशित किया गया है। फिलहाल 40 ऐसे भवन मालिक हैं, जिन्होंने इस निर्देश का उल्लंघन किया है। उन्हें कई बार नोटिस जारी किया गया है। उन्हें अपने भवन में ना तो फायर ऑडिट कराया और ना ही निगम की फायर एनओसी हासिल की है। सबसे बड़ा उदाहरण तो जिला अस्पताल की पांच मंजिला बिल्डिंग का फायर सिस्टम है, जिसका मेंटेनेंस मेडिकल कॉलेज प्रबंधन नहीं कर पा रहा है।

आम लोगों की जान से खिलवाड़ 00000000000000

यदि राजकोट और दिल्ली की तरह शहर में किसी बड़ी बिल्डिंग या फिर अस्पताल में कहीं शॉर्ट सर्किट या अन्य वजह से कोई अग्नि हादसा हो जाए तो उनका प्रबंधन तत्काल कुछ नहीं पाएगा। तत्काल भाग दौड़ करनी पड़ेगी। ऐसे में मरीज या अन्य नागरिकों की जान भी जा सकती है। हर दृष्टि से फायर सिस्टम लगाना जरूरी है। लेकिन इसके बाद भी यह संचालक इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे है। यह लोग आम लोगों की जान से खेल रहे है।

हादसा होने पर तत्काल बचाव के साधन नहीं 0000000000000000000

नगर निगम की टीम ने मेडिकल कॉलेज, सिल्वर साइन होटल, एफडीडीआई कॉलेज, सीआईआई ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, एटीडीसी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का निरीक्षण किया। फायर सेटी से संबंधित जांच की। होटल सिल्वर साइन को फायर उपकरण चालू अवस्था में रखने के निर्देश दिए। साथ ही एटीडीसी ट्रेनिंग सेंटर, मेडिकल कॉलेज, सीआईआई ट्रेनिंग सेंटर में सभी फायर उपकरण उपलब्ध व सही पाए गए। निगम के अधिकारियों ने बताया है कि शहर में करीब 40 प्राइवेट नर्सिंग होम, अस्पताल तथा अन्य बिल्डिंग में फायर सिस्टम लगाने कई बार नोटिस दिया जा चुका है, अब तक उन्होंने इसका पालन नहीं किया है।

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