भोजशाला में एएसआई का सर्वे हुआ पूरा
बिना छुट्टी लिए तीन माह तक किया काम
धार. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश से 22 मार्च से भोजशाला में हो रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे का अंतिम दिन था. 3 माह से एएसआई की टीम ने एक दिन की छुट्टी लिए बिना काम किया है.
एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर जनरल प्रो. आलोक त्रिपाठी की अगुवाई में हुए इस सर्वे में अब तक 1700 से ज्यादा धरोहरें खुदाई में मिली हैं. इनमें देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां भी शामिल हैं. मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति खास है, जो भोजशाला से लंदन ले जाई गई मूर्ति के समान ही बताई जा रही है. हालांकि आकार में यह छोटी है. सर्वे के तहत की गई सफाई में भित्ति चित्र दिखाई दिए हैं. भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने कहा कि सर्वे में अब तक जो पुरावशेष मिले हैं, वे भोजशाला को मंदिर साबित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि खुदाई में अब तक 37 मूर्तियां मिल चुकी हैं. इनमें भगवान श्रीकृष्ण, जटाधारी भोलनाथ, हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग्देवी, भगवान गणेश, माता पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं. भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं. भगवान भैरवनाथ सहित मयूर पंख वाले कृष्ण, हनुमानजी, ब्रह्माजी की परिवार सहित मूर्तियां के अलावा जैन तीर्थंकर की मूर्तियां भी हैं. द्वार पर द्वारपाल की मूर्ति से लेकर अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मिली हैं. 1700 पुरा अवशेषों में स्तंभों व दीवार के 575 टुकड़े बड़े आकार के हैं.
रिपोर्ट के आधार पर हो बचे हुए काम
उन्होंने बताया कि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे की एएसआई जब अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, इसमें जीपीआर की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी. एएसआई से हमारी मांग है कि जहां पर कोर्ट से अनुमति लेकर खुदाई की जा सकती है, वहां के लिए कोर्ट से आज्ञा ली जाए. भोजशाला में कई महत्वपूर्ण प्रमाण मिले हैं. पक्के फर्श वाले स्थानों पर भी कई खास अवशेष दबे होने की संभावना है. भोजशाला में जीपीआर रिपोर्ट के आधार पर बचे हुए कार्य होना चाहिए.