नयी दिल्ली, 26 जून (वार्ता) दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी धीमी गति से समाप्त हुई है, जिसमें सरकार को अनुमानित 96 हजार करोड़ रुपये की तुलना में मात्र 11,000 करोड़ रुपये मिलने वाले हैं क्योंकि स्पेक्ट्रम का बड़ा हिस्सा नीलाम नहीं हो सका है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी देते हुये कहा कि इस नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य पर 96,238.45 करोड़ रुपये रखे गये थे। इसमें विभिन्न बैंडों में 10,522.35 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी थी। दूरसंचार ऑपरेटरों ने जिन स्पेक्ट्रम बैंडों में भाग लिया, उनमें 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार ऑपरेटरों ने केवल 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज में ही स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगायी है जो उनके परिचालन को बढ़ाने और जारी रखने के लिए आवश्यक था।
कल पहले दिन 5 राउंड पूरे हुए। आज दूसरे दिन नीलामी फिर से शुरू हुई तो पहले राउंड के बाद कोई मांग नहीं आई और नीलामी के नियमों के अनुसार जैसे ही अगले राउंड के लिए कोई मांग नहीं होगी, नीलामी समाप्त हो जाएगी।
संबंधित ऑपरेटरों द्वारा खरीदे गए स्पेक्ट्रम और सरकार को मिलने वाले राजस्व का वास्तविक आंकड़ा अभी आने वाला है।