– गलत दस्तावेजों का सत्यापन कर उन्हें सही ठहराने वाले अधिकारियों पर भी होगी जिम्मेदारी तय
भोपाल, 25 जून. प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में गलत दस्तावेजों के आधार पर चयनित हुए सागर के अतिथि विद्वान क्रीड़ाधिकारी डॉ उमाकांत स्वर्णकार को उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत बरबड़े ने बर्खास्त कर दिया है। उक्त चयन में गलत दस्तावेजों का सत्यापन कर उन्हें सही ठहरने वालों पर भी विभाग जिम्मेदारी तय कर रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सागर के शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में अतिथि विद्वान के रूप में चयनित हुए क्रीड़ा अधिकारी ने दस्तावेज सत्यापन अधिकारियों से सांठगांठ कर समाजशास्त्र विषय में अपनी पीएचडी को क्रीड़ा अधिकारी की योग्यता के अंतर्गत सत्यापित कर लिया था। जिसके आधार पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उक्त आवेदक का अतिथि विद्वान क्रीड़ाधिकारी के रूप में चयन करते हुए शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर आवंटित कर इसी आधार पर जॉइनिंग दे दी गई थी। जबकि यूजीसी और उच्च शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार अतिथि विद्वान के चयन हेतु संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ उसी विषय में एचडी को अनिवार्य योग्यता में शामिल किया गया है। लेकिन सागर के आर्ट एवं कॉमर्स कॉलेज के सत्यापनकर्ता अधिकारियों तथा ज्वाइनिंग देने वाले अधिकारियों ने उच्च शिक्षा विभाग तथा यूजीसी के उक्त नियम को पूरी तरह नजरअंदाज कर संबंधित आवेदक को जॉइनिंग दे दी थी।
अतिथि विद्वान क्रीड़ा अधिकारी के पद के अन्य आवेदकों द्वारा इस बात की शिकायत उच्च शिक्षा आयुक्त तथा प्रमुख सचिव को की थी। मामला सामने आने के बाद मीडिया में भी इस गड़बड़ी को उठाया गया था। जिस पर आयुक्त उच्च शिक्षा निशांत वरवड़े ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ओएसडी प्रो. मनोज सिंह को पूरा मामला सौंपकर कई स्तरों पर जांच कराई है।
विभाग द्वारा अलग-अलग स्तरों पर कराई गई जांचों के बाद उक्त चयन को नियम विरुद्ध पाया है और क्रीड़ा अधिकारी अतिथि विद्वान के चयनित आवेदक डॉ उमाकांत स्वर्णकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया है। इस संबंध में गलत सत्यापन करने वालों तथा दस्तावेजों का परीक्षण किए बिना ज्वाइनिंग देने वालों के विरुद्ध भी जिम्मेदारी तय की जा रही है।