खंडवा:मानसून के आने से बाजार में रंगत दिखी। हाट का दिन होने के कारण किसानी सामान और तिरपाल की दुकानों पर भीड़ दिखी। खाद-बीज दुकानों पर भी किसान दिखे। बोवनी का काम तेजी से निपट गया है। सोयाबीन का रकबा कम हुआ है।दूसरी फसलों के लिए किसान उत्साहित दिखे। कईयों ने तो अप्रैल में ही कपास बो दिया था। यह फसल अब लहलहाने को बेताब है। देर से ही सही, मानसून आया तो किसान पुराना रंज सब भूल गए।
रोज कुछ समय के लिए बारिश हो रही है। फिर भी झमाझम बारिश का इंतजार सबको है। बारिश शनिवार रात आसमान पर छाए बादल आखिरकार बरस गए। रविवार को मानसून आते ही मौसम सुहाना हो गया। पूरे दिन आसमान पर बादलों की अटखेलियां जारी रहीं। दोपहर में बारिश हुई। बाद में तेज धूप ने जहां दिन में कुछ उमस महसूस हुई। शाम को ठंडी हवाओं ने मौसम और सुहावना कर दिया।मौसमी बीमारियों के संक्रमण का खतरा भी अब बढ़ गया है। झमाझम नहीं होगी, तब तक शहर की नालियों और नालों की गंदगी बाहर नहीं निकलेगी। मच्छरों के लारवा तेज बारिश में ही बहेंगे। नगर निगम को भी तेज बारिश का इंतजार है। वह नालों की सफाई के बिल झटपट लगा सके। हर साल यही होता है।
पहली ही बारिश ने शहर की साफ-सफाई व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी। जगह-जगह बने गड्ड़ों में पानी और कीचड़ से भर गया। राहगीरों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा। बरसात से अनेक स्थानों पर गंदगी भी फैल गई। शहर में अभी भी कई नालों की साफ-सफाई पूरी तरह से नहीं हो पाई है। इसके चलते आने वाले दिनों में और अधिक जल-भराव की समस्याएं सामने आएगी। जलभराव से मौसमी बीमारियों और मच्छरों के पनपने का खतरा भी बढ़ गया है।