हैदराबाद, 22 जून (वार्ता) केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को तेलंगाना की कांग्रेस सरकार से पिछली बीआरएस के नेतृत्व वाली के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) सरकार के दौरान सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में लूट और बिल में हेराफेरी की जांच करने की मांग की।
श्री रेड्डी ने कहा कि अगर रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गंभीर है तो उसे राज्य के स्वामित्व वाली सिंगरेनी को नष्ट करने में पिछली बीआरएस सरकार की भूमिका की व्यापक जांच करने का तुरंत आदेश देना चाहिए।
यहां मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार तेलंगाना सरकार को एक पत्र लिखेगी, जिसमें सिंगरेनी में पिछली बीआरएस सरकार द्वारा की गई अनियमितताओं और अन्य गलत कामों की जांच का आदेश देने का अनुरोध किया जाएगा।
केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर सिंगरेनी के निजीकरण की साजिश रचने के आरोपों के बीच, श्री किशन रेड्डी ने कहा कि सिंगरेनी और उसके कार्यबलों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा और केंद्र सरकार इस कंपनी के विकास के लिए काम करेगा।
मंत्री ने आरोप लगाया कि पिछली बीआरएस सरकार, मंत्रियों और विधायकों ने एससीसीएल को लूटा और इसे आर्थिक रूप से कमजोर किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए एससीसीएल का उपयोग करने और उसके कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिंगरेनी में केंद्र की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है और सिंगरेनी के हितों की रक्षा करना उसकी जिम्मेदारी सहित तेलंगाना सरकार की भी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर सिंगरेनी के हितों को नुकसान पहुंचाने का कोई सवाल नहीं उत्पन्न होता है और केंद्र सरकार ध्यान देगी कि श्रमिकों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाए और कंपनी सभी क्षेत्रों में प्रगति की ओर अग्रसर हो।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पारदर्शी रूप से पालन करते हुए कोयला खदानों की नीलामी कर रही है और यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार मुक्त है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को इन नीलामियों के माध्यम से राजस्व का 14 प्रतिशत प्राप्त होगा, हालांकि, केंद्र सरकार को इससे एक रुपया भी प्राप्त नहीं होगा।