भट्टा हत्या कांड का खुलासा कर्मचारियों ने ही मैनेजर को उतारा था मौत के घाट, 4 गिरफ्तार

चटाई और कम्बल में लपेटकर शव को धधकते चूने के भट्टे में डाला था

कटनी। जिले में दो दिन पूर्व हुए भट्टा हत्या कांड का पुलिस ने खुलासा कऱ दिया है। इस जघन्य हत्याकाण्ड को भट्टा में कार्यरत 4 कर्मचारियों ने अंजाम दिया था। सुमन विश्वकर्मा पिता सुन्दर लाल विश्वकर्मा उम्र 58 वर्ष निवासी ग्राम मुडेहरा थाना बड़वारा की हत्या कर उनका शव ग्राम कछगवां स्थित सिमको लाईम कम्पनी के चूना भट्टे में डाल दिया था। इस वारदात के बाद पुलिस को एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन कर शव को स्थानीय लोगों व फायर बिग्रेड की मदद से आग काबू पाते हुए चूना भट्टे के अन्दर से काफी मशक्कत के बाद शव बाहर निकालने में सफलता मिली थी।

घटना स्थल का सूक्ष्म मुआयना किया गया। एफ एस एल टीम, डॉग स्कॉड, फिंगर प्रिंट टीम एवं जबलपुर की फॉरेंसिक टीम के द्वारा घटनास्थल एवं शव का बारीकी से निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्रित किये गए।
जलते हुए भट्टे में सिमको लाईम कम्पनी के मैनेजर समनू विश्वकर्मा की हत्या की सभी पहलुओ पर बारीकी से जाँच करते हुए कुठला पुलिस को मुखबिरों के द्वारा कुछ अहम सुराग हासिल हुए जब उन सुरागों की तफ्तीश की गई तो ज्ञात हुआ कि चूना भट्टा में काम करने वाले मजदूरों की संलिप्ता पर संदेह हुआ, जिसके आधार पर संदेही आशीष सिंह ठाकुर, विनोद सिंह, रंजीत सिंह उर्फ गोलू, सनम सिंह से लगातर पूछताछ करने पर आशीष सिंह के द्वारा अपने अन्य साथी विनोद सिंह, रंजीत सिंह उर्फ गोलू, सनम सिंह के साथ घटना घटित करना बताया।

शाम को योजना बनाई, रात को दिया अंजाम
घटना की योजना बुधवार की शाम 7 बजे रेल्वे ट्रेक पर बनी थी। आरोपीगण एक राय होकर रात के करीब 1 बजे योजनाबद्ध तरीके से चोरी की नियत से सिमको लाईम के ऑफिस पहुँचे, ऑफिस का कमरा मृतक के द्वारा रहवास के रूप में भी उपयोग में लाया जाता था। आशीष सिंह उक्त स्थान में पीछे की ओर से बाउण्ड्री कूदकर घुसा, अन्दर की आहट पाकर बाहर सोये हुए समनू विश्वकर्मा की नींद खुल गई जिससे वो ऑफिस के अन्दर गए, उसी समय दूसरा आरोपी विनोद भी समनू विश्वकर्मा के पीछे पीछे अन्दर चला गया और अन्दर जाकर मैनेजर समनू विश्वकर्मा के साथ हाथा पाई की और उन पर काबू पाने के लिए उनके सिर पर डण्डे से प्रहार किया। जान बचाकर भागने पर समनू को फिर से पकड़ा और डण्डे मारकर घायल कर दिया। तत्पश्चात मैनेजर समनू विश्वकर्मा का तकिये से दम घोंट दिया और मृतक के गले में पहनी लॉकर की चाबी निकाली और लॉकर का ताला खोलकर उसमें से नगदी निकालकर वापस ताला बन्द कर दिया। चारों ने मिलकर वहीं पर बिछी हुए चटाई और कम्बल में लपेटकर साक्ष्य मिटाने के आशय से मृतक समनू विश्वकर्मा की लाश को धधकते हुए चूना के भट्टे में डाल दिया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मृतक मैनेजर समनू विश्वकर्मा आरोपियों को जानते थे इसी वजह से चोरी के दौरान उनके जागने पर आरोपीगण अपनी पहचान छिपाना चाहते थे इसके चलते उन्होंने मैनेजर समनू विश्वकर्मा की हत्या कर दी और लाश को चूना भट्टा में डाल दिया। इसके पहले कि घटना के बाद आरोपी लूटे गए पैसे आपस में बाटते उसके पहले ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्त में ले लिया। आरोपी आशीष और रंजीत सिंह उर्फ गोलू दोनो सगे भाई हैं, इनकी मां बृजरानी को घटना की पूरी जानकारी है। धारा 120 बी के तहत बृजरानी को भी आरोपी बनाया जा रहा है।

किससे क्या जप्त

आरोपियों के मेमोरेण्डम के आधार आरोपी विनोद से तिजौरी की चाबी एवं आशीष के घर से नगदी 60 हजार रुपये एवं हिसाब किताब का रजिस्टर बरामद किया गया है। शेष 20 हजार रूपये आरोपी गोलू ने अपनी मां बृजरानी को दे दिये थे।

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