बकरी पालन के राशि में गोलमाल की आ रही बू

डीएमएफ से बकरी पालन के लिए स्व सहायता समूहो को मुहैया कराई गई थी राशि, आजीविका मिशन चितरंगी का है मामला

सिंगरौली : खनिज प्रतिष्ठान निधि के माध्यम से पिछले वर्ष करीब दो दर्जन से अधिक स्व सहायता समूहो को तीन सैकड़ा सदस्यों को बकरी पालन के लिए राशि मुहैया कराई गई थी। किन्तु समूहो के कई सदस्यों को बकरियां नही मिली। बल्कि राशि भी इधर-उधर कर ली गई। यह मामला चितरंगी जनपद क्षेत्र के आजीविका मिशन से जुड़ा है। इस आरोप में कितनी सच्चाई है। निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच से ही सही तथ्य सामने आ सकता है। इस पूरे मामले में ब्लॉक परियोजना प्रबंधक चितरंगी की ओर उंगलियां इशारा कर रही हैं।
मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन चितरंगी क्षेत्र में जिला खनिज प्रतिष्ठान से तकरीबन तीन सैक ड़ा समूह के सदस्यों को बकरी पालन के लिए पिछले वर्ष 2023 में जिला पंचायत के द्वारा करीब 14 लाख रूपये अलग-अलग किस्त के रूप में मुहैया कराई गई थी। सूत्र बताते है कि नौकहा, फुटहड़वा, रेही, बकिया सहित अन्य ग्राम पंचायतों में कार्यरत समूहो के सदस्यों को बकरी पालन के लिए राशि दी गई। जिससे की स्व सहायता समूह सदस्यों के माध्यम से उनकी गतिविधि में एवं आजीविका में विकास हो सके । किन्तु कुछ सदस्यों का विकास ज्यों का त्यों पूर्व की तरह ही है।

आजीविका मिशन से जुड़े अमले का उत्थान जरूर हुआ है और उनका स्वंय विकास बड़े स्तर पर कम समय में हुआ। सूत्र बताते हैं कि बकरी पालन के आड़ में समूहो के सदस्यों को इधर-उधर का पाठ पढ़ाकर राशि समूहो के माध्यम से आहरित करा दिया गया। बकरी पालन के लिए सदस्यों को राशि मिली की नही यह अपने आप में बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है। चर्चाओं के मुताबिक सदस्यों से राशि में बन्दरबांट कर ली गई है। इसमें ब्लॉक परियोजना अधिकारी म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन चितरंगी की ओर इशारा किया जा रहा है। इनकी कार्य प्रणाली चर्चाओं में हैं। फिलहाल आजीविका मिशन चितरंगी क्षेत्र में डीएमएफ फण्ड से मंजूर बकरी पालन सहित स्कूटी खरीदी को लेकर इन दिनों चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है और समूह के सदस्यों के बीच ही तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हंै।

एक प्रस्ताव के तारीख पर उठे कई सवाल
बकरी पालन के लिए मंजूर राशि में एक स्व सहायता समूह अलग-अलग तारीख को लेकर सवालों के कटघर्रे में घिरता नजर आ रहा। पिछले वर्ष 16 अक्टूबर को मॉ शारदा स्व सहायता समूह कसदा की बैठक आयोजित कर राजकुमारी की अध्यक्षता में निम्र बिन्दुओं पर चर्चा करते हुये समूह को प्राप्त राशि में से 50 हजार रूपये यूनियन बैंक से राशि अन्तरण करने का प्रस्ताव पास किया गया था। किन्तु प्रस्ताव में सबसे ऊपर 16 अक्टूबर 2024 की तिथि उल्लेख किया गया था। जबकि अभी अक्टूबर 2024 का महीना अभी आया ही नही है। प्रस्ताव में बकायदे ब्लॉक परियोजना प्रबंधक म. प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन चितरंगी का हस्ताक्षर भी है। हालांकि उन्होंने हस्ताक्षर के नीचे तिथि 2023 उल्लेख किया है। फिर सवाल खड़ा किया जा रहा है कि एक साल पहले की तारीख प्रस्ताव में कैसे आ गया और यूनियन बैंक भी प्रस्ताव की तारीख का अध्ययन क्यो नही किया । इस पर तरह-तरह की सवाल खड़े करते हुये ब्लॉक परियोजना प्रबंधक एवं मॉ शारदा स्व सहायता समूह पर प्रश्न खड़ा करें।

उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग
आजीविका मिशन के गतिविधियों को लेकर चितरंगी क्षेत्र में इन दिनों लोगों के बीच खूब चर्चाएं हैं। स्कूटी खरीदी एवं बकरी पालन की राशि में इधर-उधर का खेला किये जाने को लेकर अब उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग शुरू हो गई है। क्षेत्र के कुछ प्रबुद्धजनों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुये उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कराया जाए। ताकि आजीविका मिशन चितरंगी पर लगाये जा रहे आरोप का असलियत सामने आ जाए। वरना लोगबाग शक के नजर से देख उंगली उठाते रहेेंगे।

Next Post

बाजारों के अंदर ठेला वालों ने जमाया कब्जा

Tue Jun 18 , 2024
बीच सडक़ों तक खड़े होकर कर रहे व्यापार जबलपुर: बाजार क्षेत्र के अंदर यूं तो भीड़ देखने को रोजाना ही मिल जाती है, जिसके चलते कई बार तो ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं का भी लोगों को सामना करना पड़ता है। वहीं अगर किसी त्योहार या खास मौके की बात करें […]

You May Like