स्टॉक से लेकर सप्लाई, टैक्स में मिली भारी गड़बडिय़ां,11.73 लाख सरेंडर
जबलपुर: नर्मदा शुगर मिल, नरसिंहपुर पर सीजीएसटी निवारक शाखा जबलपुर ने कार्रवाई की जिसमें जीएसटी संबंधित भारी गड़बडिय़ांं मिली। जिसके बाद टैक्स पेयर ने अपनी गलती मानते हुए अब तक नियम 42 के तहत कुल रूपए 11.73 लाख की आईटीसी का भुगतान कर दिया है। जीएसटी संबंधित अनियमितताएँ मिलने पर जीएसटी की जांच कार्रवाई अभी जारी है। नर्मदा सुगर मिल प्रा लि नरसिंहपुर पर हुई सेंट्रल जीएसटी की छापेमार कार्यवाही से हडक़ंप मचा हुआ है।
दस्तावेज किए गए जप्त
जानकारी के मुताबिक सीजीएसटी कमिश्नर लोकेश कुमार लिल्हारे के निर्देश पर नर्मदा सुगर मिल प्रा लि नरसिंहपुर पर सेंट्रल जीएसटी की छापेमार कार्यवाही हुई है। जिसमें जीएसटी संबंधित अनियमितताएँ पायीं गयीं। कार्रवाई के दौरान जीएसटी संबंधित अहम दस्तावेज भी जप्त किए गए है जिसकी भी जांच चल रही है।
यह मिली अनियमितताएं
कार्यवाही के दौरान पाया गया कि टैक्स पेयर के द्वारा टैक्सेबल और छूट प्राप्त दोनों प्रकार की सप्लाई अपने जी एस टी रेतुर्न में दर्शाई गयी है किन्तु सी जी एस टी के नियम 42 के तहत आई टी सी का रेवेर्सल नही किया गया था।
स्टॉक मिलान मेेंं मिला भारी अंतर
जांच के दौरान टैक्स पेयर के रिकॉर्ड में दर्ज स्टॉक और वास्तविक स्टॉक में अंतर पाया गया है जिसका जांच कार्य अभी जारी है टैक्स पेयर ने अपनी गलती मानते हुए अब तक नियम 42 के तहत कुल रु.11.73 लाख की आई टी सी का भुगतान कर दिया है।
बिना ई-वे बिल के पार्सल, बूगी में परिवहन
सी जी एस टी ने 1.69 लाख की जमा कराई पेनल्टी
केंद्रीय माल एवं सेवाकर आयुक्तालय जबलपुर द्वारा 13 मार्च को जबलपुर रेलवे स्टेशन पर शक्ति पुंज एक्सप्रेस में माल परिवहन बोगी में लदे सामान का ई वे बिल जांच की कार्यवाही की गई थी। अधिकारियों द्वारा परीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ 163 बंडल माल बोगी से और 21 बंडल माल रेलवे द्वारा स्वचालित माल परिवहन बोगी से लदे थे। इन बंडलों को भौतिक निरीक्षण के लिए जबलपुर आयुक्तालय लाया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि बहुत से माल जोकि ट्रेन से परिवहन किए जा रहे थे उनमें उचित ई वे बिल नही थी, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि काफी मात्रा में रेडी मेड गारमेंट्स कोलकाता से जबलपुर लाए गए थे, परंतु परिवहन के लिए जरूरी उचित ई वे बिल नही बने थे। जांच के दौरान 163 बंडल जोकि बोगी से परिवहन किये गये थे उनमे उचित ई वे बिल नहीं होने पर अब तक 3 व्यक्ति स्वामित्व का दावा करने आगे आकर अब तक कुल 1,69,470 रूपए पेनल्टी के रूप में जमा किये है अभी आगे और कार्यवाही जारी है।