अंकसूची और डिग्री वितरण की कार्रवाई त्वरित गति से करें: पटेल

भोपाल, 14 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि परीक्षा परिणाम घोषित हो जाने पर अंकसूची और डिग्री के वितरण कार्य तेज़ी से करें। आगामी एक माह में डिग्रियों का वितरण सुनिश्चित करे, वितरण की स्थिति लंबित नहीं रहे। डीजीलॉकर में भी अंक सूचियां एवं डिग्री तत्काल अपलोड करे। इससे विद्यार्थियों को आगामी प्रवेश या प्लेसमेंट आदि में दिक्कत नहीं होगी।

श्री पटेल ने कहा कि कुलगुरू छात्र-छात्राओं के अभिभावक बन कर उनकी परेशानियों को दूर करने का आत्मीय प्रयास करे। श्री पटेल यह निर्देश प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की बैठक में दिए। राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा के.सी. गुप्ता और राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चन्द गुप्ता मौजूद थे।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों का आयोजन लंबित नहीं रखे। समय सीमा में प्रति वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन करे। इस वर्ष आयोजित होने वाले समारोह के साथ ही पूर्व के लंबित समारोह का भी आयोजन करे। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय अकादमिक कैलेंडर के अनुसार प्रवेश और परीक्षाओं का आयोजन करें। परीक्षा परिणाम अनिवार्यत: समय पर जारी होने चाहिए।

श्री पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा की गई शिकायतों का प्राथमिकता के साथ निराकरण करे। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन अपने स्तर पर आवश्यकता अनुसार ज़रूरी कार्रवाई करे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि उत्तर पुस्तिका की जाँच और परिणामों की पवित्रता दूषित नहीं होनी चाहिए। कुलगुरू शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का प्रभावी संचालन करें। प्रशासनिक सुलभता के लिए आधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जाए। विद्यार्थियों के लिए ई-लाईबेरी की व्यवस्था को प्रभावी बनाए और छात्र-छात्राओं को उसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित करे।

राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय शैक्षणिक गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने का निरंतर प्रयास करें। ऐसे विश्वविद्यालय जहाँ आगामी दिनों में नैक द्वारा परीक्षण किया जाना है, वे तैयारी पुख्ता रखे। विश्वविद्यालय निरंतर शैक्षणिक गुणवत्ता में उत्कृष्टता की ओर बढ़ने का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि जिन विश्वविद्यालय ने अभी तक नेक ग्रेडिंग के लिए नियमानुसार आवेदन नहीं किया है, वे निर्धारित प्रक्रिया और तैयारियों को समय सीमा में पूर्ण कर अग्रिम कार्रवाई करें।

श्री पटेल ने विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालयों में समरस छात्रावासों के निर्माण पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि समरस छात्रावास सभी वर्गो के छात्र-छात्राओं के लिए बनाया जाए। ऐसे छात्रावासों में जब सभी वर्ग और समुदाय के विद्यार्थी एक साथ रहेंगे तो उनमें सामाजिकता, संवेदनशीलता, सौहार्द्रता, समानता और भाईचारे की भावना मजबूत होगी।

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों की लाइब्रेरी में “भारतीय ज्ञान परंपरा” विषय से जुड़ी किताबें उपलब्ध हो। सभी कुलगुरु समय सीमा में किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित लेखकों और ज़रूरी अध्यन सामग्री के लिए उच्च शिक्षा विभाग से समन्वय कर कार्रवाई करे।

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विभाग के.सी. गुप्ता ने बैठक में बताया कि शासन के निर्देशानुसार विश्वविद्यालयों में विमानन संबंधी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ किए जा रहे हैं। ऐसे महानगरीय विश्वविद्यालय जो हवाई पट्टी और विमानन सुविधाओं की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में है, उन्हें विमानन कोर्स प्रारंभ करने संबंधी सभी ज़रूरी तैयारियां जल्द सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने हवाई पट्टी और विमानन सुविधाओं वाले क्षेत्रों के आसपास के विश्वविद्यालयों को भी इस संबंध में समन्वित प्रयास करने के लिए कहा है। उन्होंने कुलगुरूओं से कहा कि कृषि संबंधी कोर्स शुरू करने का कार्य भी गतिशीलता के साथ करे। उन्होंने सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज विद्यार्थियों की शिकायतों के समय सीमा में प्रभावी निराकरण के निर्देश दिए है।

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