शिव महापुराण कथा में एक लाख से अधिक भक्त पहुंचे

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है,जो स्वयं प्रकट हुए : पंडित प्रदीप मिश्रा

ओंकारेश्वर: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापना के लिए कई ऋषि मुनि विद्वानों भक्तों ने तपस्या करी थी। पवित्र नर्मदाजी के पावन तट ओंकारेश्वर थापना में चल रही। श्री शिवमहापुराण की कथा के तीसरे दिन प्रवक्ता पण्डित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि ओंकारेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग की स्थापना ऐसे ही नही हो गई। इसके लिए मान्धाता महाराज,विंध्य पर्वत ने घोर तपस्या करी थी। अर्जुन ने स्तुति करी थी । इससे प्रसन्न होकर मान्धाता को आशीर्वाद दिया और मान्धाता पर्वत पर विराजमान हो गये। तब से यह नगरी ओंकारेश्वर मान्धाता के नाम से जानी जाने लगी।

शिवजी को भोले शंभू भी कहा जाता है,शम्भू मतलब स्वयंभू ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। जो स्वयं प्रकट हुए हैं।मिश्रा जी ने कहा भगवान शिव पर अर्पित हो जाओ जिस अवस्था में हो उस अवस्था में खुश रहना सीखो। यदि जिंदगी भर खुश रहना है तो जिस अवस्था में है उसे अवस्था को हमेशा प्रसन्नता से के साथ जिओ। दुख सभी पर आता है भगवान राम,भगवान कृष्ण ने भी दुख के समय समस्या के समय भगवान शिव की आराधना करी। ओर अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।

ओंकारेश्वर क्षेत्र में रहने वाले, मनुष्य,पशु,पक्षी सभी धन्य है मां नर्मदा में जो जलचर है वह भी धन्य है। जिन्होंने ओंकारेश्वर और नर्मदा में जन्म लेकर अपना जीवन व्यतीत किया है।उन्होंने कहा कि यदि कोई निंदा करता है तो करने दो सुन लो और अपना काम करते रहो। उन्होंने कहां की दुनिया पर भरोसा टूट सकता है किंतु भोले बाबा पर भरोसा करोगे तो कभी नही टूटेगा। श्री शिवमहापुराण की कथा के तीसरे दिन करीब एक लाख भक्त उपस्थित थे।

Next Post

चंदन नगर के क्षेत्रवासियों में दहशत, थाने में दिया शिकायती आवेदन

Wed Jun 12 , 2024
रात 2 बजे घरों की डोरबेल बजाकर रोती है महिला ग्वालियर: रात डेढ़-दो बजे के बीच घरों की डोरबेल बजाकर रोने वाली रहस्यमयी महिला से इन दिनों चंदन नगर के लोग खासे दहशत में हैं, जिन्होंने बहोड़ापुर थाने में शिकायती आवेदन भी दिया है। जिसमें पुलिस द्वारा फिलहाल घटना की […]

You May Like