अब प्रदेश में भी पर्यटकों के लिए हवाई सेवा

– सीएम ने किया पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा के डिजिटल टिकट विंडो का शुभारंभ

– पर्यटन के साथ उद्योग, शिक्षा में भी होगा फायदा: सीएम

प्रशासनिक संवाददाता

भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा पर्यटन के साथ-साथ उद्योग, व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए भी लाभदायक होगी. प्रदेश में अतिथि देवो भव: के संस्कार सदैव से रहे हैं.मप्र दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा आरंभ की जा रही है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा के डिजिटल टिकट विंडो के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में सरकार की 6 माह की उपलब्धियां पर आयोजित बैठक में डिजिटल टिकट विंडो का शुभारंभ किया.

 

इंदौर, भोपाल और जबलपुर के एयरपोर्ट पर भी होंगे बुकिंग काउंटर

 

प्रमुख सचिव पर्यटन तथा संस्कृति शिवशंकर शुक्ला ने बताया कि पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा का संचालन मप्र टूरिज्म द्वारा मेसर्स जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ पीपीपी मोड पर किया जा रहा है. इसके माध्यम से प्रदेश के आठ शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन, ग्वालियर, सिंगरौली और खजुराहो को हवाई सेवा के माध्यम से जोड़ा जाएगा. पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा का संचालन 13 जून से आरंभ होगा, पहली फ्लाइट भोपाल, जबलपुर, रीवा, सिंगरौली की होगी. ग्वालियर से 15 जून को और 16 जून को उज्जैन से हवाई यात्रा की शुरुआत होगी. हवाई सेवा के लिए 6 पैसेंजर सीट वाले दो एयरेेेक्राफ्ट का संचालन किया जाएगा. बुकिंग के लिए इंदौर, भोपाल और जबलपुर के एयरपोर्ट पर बुकिंग काउंटर स्थापित किया जा रहे हैं. बैठक में बताया गया कि पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा के तहत रीवा शहर को सप्ताह में सोमवार व गुरूवार दो दिवस इंदौर, जबलपुर व भोपाल से जोड़ा जा रहा है. ग्वालियर शहर को सप्ताह में दो दिवस मंगलवार को इंदौर, भोपाल एवं उज्जैन व शनिवार को भोपाल से जोड़ा जा रहा है. उज्जैन शहर को सप्ताह में तीन दिवस मंगलवार को इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर व बुधवार को इंदौर, भोपाल तथा जबलपुर व रविवार को इंदौर और भोपाल से जोड़ा जा रहा है. खजुराहो शहर को सप्ताह में एक दिवस शुक्रवार को भोपाल और जबलपुर से जोड़ा जा रहा है.

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