भोपाल, 11 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के वन क्षेत्र में रायनो तथा अन्य दुर्लभ व लुप्तप्राय: प्रजातियों के वन्य प्राणियों को लाने की संभावनाओं का अध्ययन कराया जाए। जंगली जानवरों से जान-माल की रक्षा के लिए पर्याप्त और प्रभावी उपाय किए जाएं, वन्य प्राणियों के लिए हर संभाग में रेस्क्यू सेंटर आरंभ करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
डॉ. यादव मंत्रालय में मध्य प्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की 26वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में वन मंत्री नागर सिंह चौहान, वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव वन जे.एन. कंसोटिया उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि चीता प्रोजेक्ट के आगामी चरणों के लिए दक्षिण अफ्रीका तथा केन्या के दलों द्वारा गांधी सागर अभ्यारण्य और कूनो राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण किया गया है। गांधी सागर अभ्यारण्य में चीता पुनर्स्थापना के लिए सभी तैयारी पूर्ण कर ली गई हैं। क्षेत्र में चीतलों की संख्या बढ़ाने के लिए कान्हा और अन्य स्थानों से उनका पुनर्स्थापना किया गया है। कान्हा और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से संजय टाइगर रिजर्व में 50 गौरों की सफलतापूर्वक पुनर्स्थापना भी की गई है।
बैठक में रातापानी अभ्यारण्य के अंतर्गत बमनई जी.पी. से देलावाड़ी तक मार्ग के किनारे-किनारे राइट-ऑफ-वे में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए 0.090 हेक्टेयर वन भूमि भारत संचार निगम, औबेदुल्लागंज को उपयोग पर दिए जाने की वन्यप्राणी अनुमति को अनुमोदन प्रदान किया गया। इसी क्रम में माधव राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत वन भूमि में मुख्य पेयजल पाइप लाइन संबंधी विषय, बैतूल और नर्मदापुरम जिले में जुझारपुर से ढोहरामोहार के मध्य तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए वन भूमि सेन्ट्रल रेलवे को देने संबंधी वन्य प्राणी अनुमति और रातापानी अभ्यारण्य को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ। वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में वन विभाग के अधिकारी तथा बोर्ड के अशासकीय सदस्य भी शामिल हुए।