फिजूलखर्ची पर रोक व वित्तीय अनुशासन के जरिए वित्तीय स्थिति और मजबूत करेंगे – डॉ यादव

भोपाल, 08 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज दृढ़ता के साथ कहा कि फिजूलखर्ची पर रोक, वित्तीय अनुशासन और इसी तरह के अन्य उपायों के जरिए वित्तीय संसाधन जुटाकर राज्य का विकास और महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।

डॉ यादव ने यहां यूनीवार्ता से चर्चा के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति और चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने संबंधी सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने दृढ़ता के साथ कहा, “राज्य की वित्तीय स्थिति पर मेरी पूरी नजर है। मैं पहले उच्च शिक्षा मंत्री भी रह चुका हूं। नयी शिक्षा नीति भी बेहतर ढंग से बगैर किसी वित्तीय भार के लागू करने में सफल रहा। इसके अलावा मैं राज्य पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष रहा। उज्जैन विकास प्राधिकारण का अध्यक्ष रहा। वहां भी फिजूलखर्ची रोककर और स्थापना व्यय को नियंत्रण में रखकर बेहतर कार्य किए गए।”

डॉ यादव ने उनकी सरकार की ओर से हाल ही में चिकित्सा शिक्षा विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विलय संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय का उदाहरण दिया और कहा कि इस कदम से सरकार के स्थापना व्यय में काफी कमी आयी है। अन्य व्यय भी नियंत्रित हुए हैं और इन विभागों की कार्यप्रणाली में भी सुधार आया है। इसी तरह के कदम राज्य सरकार उठाएगी, ताकि अनावश्यक व्यय के बगैर राज्य का चहुंमुखी विकास किया जा सके।

लगभग छह माह पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान संभालने वाले डॉ यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो गए हैं। अब सरकार का फोकस पूरी तरह राज्य के विकास कार्यों और सरकार की प्राथमिकताओं को पूरा करने पर है। इसके लिए वित्तीय संसाधन आड़े नहीं आएंगे। उन्होंने दोहराया कि हम फिजूलखर्ज रोकेंगे। वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए स्थापना व्यय पर नियंत्रण और इस तरह के अन्य उपाय किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने राज्य के साथ ही देश में चर्चित लाड़ली बहना योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि इसको लेकर भी सवाल उठाए जाते रहे, लेकिन मौजूदा सरकार प्रत्येक माह प्रति लाभार्थी के हिसाब से पात्र महिलाओं के खाते में 1250 रुपए निर्धारित तिथि पर उनके बैंक खाते में जमा कराती आ रही है। डॉ यादव ने दोहराया कि उनकी नजर राज्य की वित्तीय स्थिति पर पूरी तरह से है और विकास कार्यों तथा अपने वादे पूरे करने के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

राज्य विधानसभा का मानसून सत्र आगामी जुलाई माह में प्रारंभ होगा, जिसमें राज्य सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फरवरी मार्च माह में संपन्न बजट सत्र के दौरान विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से अप्रैल से जुलाई माह तक चार माह के लिए लेखानुदान पेश किया गया था, जिसे सदन में पारित किया गया था। अब शेष आठ माह के लिए पूर्ण बजट लाया जाएगा। वर्तमान में राज्य सरकार का वार्षिक बजट का आकार तीन लाख करोड़ रुपयों के ऊपर पहुंच गया है।

 

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