बेंगलुरु, 06 जून (वार्ता) कर्नाटक के मंत्री बी नागेंद्र ने एसटी फंड से जुड़े कई करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जांच के घेरे में आने के बाद गुरुवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी।
श्री नागेंद्र ने पत्रकारों से आज यहां बातचीत के दौरान अपने फैसले की घोषणा की और इस बात पर जोर दिया कि यह पूरी तरह से उनकी अपनी इच्छा से लिया गया है, किसी बाहरी दबाव में नहीं। उन्होंने शाम को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के साथ निर्धारित बैठक के दौरान अपने इस्तीफे की मंशा का खुलासा किया।
उन्होंने कहा, “ मैंने चल रही जांच के बीच स्वेच्छा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैंने पहले ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित अपने पार्टी नेताओं से बात कर ली है। इस्तीफा देने का फैसला मैंने साफ विवेक से लिया है। मैं अपना इस्तीफा सौंपने के लिए शाम 7.30 बजे मुख्यमंत्री से मिलूंगा।”
श्री नागेंद्र का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के लिए निर्धारित 187 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को हैदराबाद में 18 से अधिक फर्जी बैंक खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित करने में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर जांच और अटकलों का बाजार गर्म है।
मुख्यमंत्री को अभी तक अपने फैसले के बारे में औपचारिक रूप से सूचित नहीं करने के बावजूद, श्री नागेंद्र ने निर्धारित बैठक समय से पहले पद छोड़ने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और एआईसीसी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रतिष्ठा के लिए चिंता व्यक्त की और जोर देकर कहा कि उनके इस्तीफे का उद्देश्य उन्हें किसी भी संभावित शर्मिंदगी से बचाना है।