बदहाली के आंसू रो रही कल्चरल स्ट्रीट

चार पहिया वाहनों के साथ ऑटों चालकों की पार्किंग
जबलपुर: नगर के मॉडल रोड को रसल चौक से जोडऩे वाली मुख्य सडक़ के किनारे बनी कल्चरल स्ट्रीट का इस्तेमाल कार, बाइक एवं ऑटों रिक्शा खड़े करने के लिए किया जा रहा है। बेहतर होता कि इस स्ट्रीट की जगह मल्टीलेवल पार्किंग या अन्य कोई सुविधा मुहैया कर दी जाती। क्योंकि यह कल्चरल स्ट्रीट आज बदहाली के आंसू रो रही है। इस स्ट्रीट पर जहॉं-तहॉं चार पहिया वाहनों के साथ ऑटों चालक धमा चौकड़ी मचा रहे है। इतना ही नहीं पास में ही स्थित निजी अस्पताल में आने जाने वाले लोग भी इसका पार्किंग स्थल के रूप में उपयोग कर रहे है और रही कही कसर शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का डेरा डलने से पूरी हो जाती है जो देरा रात तक सजी रहती है।
कहीं से नहीं लग रही कल्चरल स्ट्रीट
सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शहर में होने वाले फास्ट फूड मेले औेर अन्य प्रकार के प्रोग्रामों एवं पैदल सैर करने के लिए बनाई गई यह कल्चरल स्ट्रीट का बिल्कुल विपरीत उपयोग किया जा रहा है। इस स्ट्रीट पर अतिक्रमण कर चाय पान के ठेले सजाए जा रहे हैं। जिसके चलते इस स्ट्रीट पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। स्ट्रीट के दोनों छोर के बैनर हटा कर इसका उपयोग वाहन चलाकर भी किया जा रहा है। जिसके चलते पैदल वॉक करने वाले सुकून से सैर नहीं कर पा रहे है।
इधर, भारी वाहनों के लिए बने फुटपॉथ
हाऊबाग से गोरखपुर बाजार को जोडऩे वाली सडक़ किनारे बने फुटपॉथों पर भारी वाहन ट्रक एवं  पिकअप वाहन सीना ठोककर खड़े किये जा रहे है आलम यह है कि पैदल चलने के लिए बने इन फुटपॉथों पर बड़े-बड़े वाहन खड़े किये जा रहे है। जिसके चलते इन फुटपॉथों पर लगे पेवर ब्लॉक जगह -जगह से दरक रहे है। इतना ही नही इन भारी वाहनों के इस तरीके से खड़े रहने के कारण आम जनता को पैदल चलने के लिए मुख्य सडक़ का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। जोकि कभी भी खतरनाक साबित हो सकता है। इतना ही नहीं रही सही कसर अवैध अतिक्रमणकारी अपनी -अपनी खान पान की दुकाने लगाकर पूरी कर देते है।

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