चुनावी राजनीति के लिए मालवा निमाड़ में कांग्रेस के लिए चुनौतियां

सियासत

इंदौर और उज्जैन संभाग यानी मालवा और निमाड़ अंचल की आठ लोकसभा सीटों पर भाजपा ने भारी जीत दर्ज की है. 2014 और 2019 की तरह 2024 में भी यहां कांग्रेस का सफाया हो गया है. कांग्रेस के लिए कम से कम लोकसभा चुनाव में इस अंचल में वापसी करना आसान नहीं होगा. दरअसल, खरगोन छोड़ सभी सीटों पर भाजपा की रिकार्ड मतों से जीत हुई. सबसे ज्यादा चर्चा रतलाम सीट की जहां पूरे चुनाव में खासा घमासान मचा रहा वहा इतिहास में सबसे बड़ी जीत भाजपा ने दर्ज की. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की गृह सीट उज्जैन भी चर्चा में थी, यहां पुरानी प्रचंड लीड से भी ढाई हजार मत ज्यादा मिले है. खरगोन में मुकाबला रोचक था इस सीट पर जीत का अंतर घटने के बाद भी भाजपा को 1 लाख 30 हजार से ज्यादा मतों से जीत मिली है. मंदसौर और धार सीट पर भी परिणाम कांग्रेस के लिए सदमे के समान है.

देवास (एसटी) – अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित देवास सीट पर मुकाबला पहले दिन से बराबरी का रहा ही नहीं. इंदौर से देवास जाकर चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के राजेंद्र मालवीय किस बूते मैदान में थे यह तो मालवीय ही बता सकते है. भाजपा के महेंद्र सिंह सोलंकी ने अपना ही रिकार्ड तोड़ते हुए मालवीय को 4 लाख 23 हजार से ज्यादा मतों से पराजित कर दिया. सोलंकी पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार करीब पचास हजार वोट अधिक मिले है.

उज्जैन (एसटी) – भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली एससी सीट तीर्थ नगरी उज्जैन में तो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की प्रतिष्ठा दांव पर थी. कांग्रेस ने भी विधायक महेश परमार जैसे चर्चित और मैदानी नेता पर दांव लगाया था. परिणामों ने साबित कर दिया कि जनता के मन में क्या चल रहा था. अनिल फिरोजिया तमाम विरोधाभासी बातें और अटकलों के बावजूद उनकी दुसरी जीत भी प्रचंड मतों से हुई है. उन्होंने अपने पिछले रिकार्ड से ज्यादा मत प्राप्त किए और कांग्रेस को 3,69,495 मतों से हराया.

मंदसौर (सामान्य) – मंदसौर सीट पर भी भाजपा को जीत का पूरा भरोसा था. कांग्रेस ने गुर्जर वोटों का समीकरण देखते हुए दिलीप सिंह गुर्जर को मैदान में तो उतार दिया मगर मैदानी हकिकत कुछ और रही. नए क्षेत्र में पहचान का अभाव उन्हें भारी पड़ गया और सुधीर गुप्ता ने हैट्रिक ठोक दी वह भी पिछली जीत से भी ज्यादा अंतर से. गुप्ता को इस चुनाव में एक लाख वोट ज्यादा प्राप्त हुए. उन्होंने दिलीप गुर्जर को चार लाख 80 हजार से अधिक मतोंसे हराया.

रतलाम (एसटी)- जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रतलाम सीट पर कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया के सारे पैंतरे फेल साबित हुए. इस सीट पर सबसे ज्यादा घमासान था. जातिवाद, क्षेत्रवाद आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा, अवैध धंधे के आरोप लगाने जैसी हर तरह की जोर आजमाइश चलती रही. तमाम पैतरेबाजी के बाद भी अनीता नागरसिंह चौहान ने 2 लाख से ज्यादा मतों से उन्हें परास्त कर दिया.

धार (एसटी) – आदिवासी बहुल धार सीट पर पहले तो सावित्री ठाकुर के टिकट का विरोध खड़ा हो गया. पूर्व सांसद छतरसिंह दरबार कई दिनों तक दिल्ली में डेरा डाले रहे. प्रदेश संगठन ने स्थानीय नेताओं को टाइट किया तब चुनावी माहौल बनना शुरू हुआ. उधर कांग्रेस प्रत्याशी जिन्होंने शुरूआत काफी दमदारी के साथ की थी. अपने ही नेताओं की उदासीनता के चलते अंतिम दिनों में पिछड़ते चले गए. नतीजा यह रहा कि भाजपा ने पिछली जीत से लगभग दोगुना मतों से यह मुकाबला जीत लिया. यहां भाजपा की सावित्री ठाकुर ने कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल को 2,18,665 मतों से हराया.

इंदौर (सामान्य) – इंदौर में तो इस चुनाव में नामांकन वापसी के बाद से ही मुकाबला एक तरफा हो गया था। हार और जीत से ज्यादा चर्चे भाजपा के जीत के अंतर की और नोटा को मिलने वाले वोटों की होने लगी थी. इसमें भी सबसे ज्यादा उत्साह लोगों को नोटा को मिलने वाले वोट का था. बहरहाल देश में सर्वाधिक मतों से जीत का रिकार्ड भाजपा के शंकर लालवानी के नाम बना है. बसपा को भी सूबे में सबसे ज्यादा वोट इसी सीट पर प्राप्त हुए और नोटा भी देश में सर्वाधिक 2 लाख से ज्यादा वोट प्राप्त कर रिकॉर्ड बना गया. शंकर लालवानी रिकॉर्ड 11,75,092 मतों से जीते.

खरगोन (एसटी) – खरगोन सीट शुरू से मुकाबले में मानी जा रही थी। शासकीय नौकरी छोड़ कर अपनी सियासी जमीन बनाने निकले कांग्रेस के पोरलाल खरते ने मजबूती के साथ चुनाव लड़ा. हालांकि जयस की मदद के बावजूद वे 1 लाख 34 हजार से ज्यादा मतों से पराजित हो गए, पर भाजपा के गजेंद्र पटेल जीत की खुशी के साथ लीड घटने का मलाल जरूर होगा. यहां भाजपा की जीत का अंतर 1,34,891 मतों का रहा।

खंडवा (सामान्य) – खंडवा सीट भी भाजपा का गढ़ बन चुकी है। इस सीट पर 2019 में नंदकुमार सिंह चौहान 2 लाख 73 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे. उनके अवसान के बाद हुए उप चुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल इस लीड़ को कायम नहीं रख सके. उप चुनाव में भाजपा को करीब 2 लाख वोट कम होने का झटका लगा था। इस बार पाटिल ने नंदू भैया वाली लीड की बराबरी कर ली. यहां जीत का अंतर 2,69,622 मतों का रहा

Next Post

पौधारोपण के साथ ही करे उनका संरक्षणः विजयवर्गीय

Thu Jun 6 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email मंत्री, महापौर द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर जल स्त्रोत सफाई अभियान का शुभारम्भ जल स्त्रोत को इस प्रकार से जीवित करे कि पानी का उपयोग किया जा सके- महापौर इंदौर:मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार विश्व पर्यावरण […]

You May Like