रिटायर्ड कर्मचारी को हाईकोर्ट से राहत
जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता कर्मचारी से वसूली गई राशि वापस करें। इसके लिए न्यायालय ने 60 दिन की मोहलत दी है। एकलपीठ ने कहा है कि यदि उक्त अवधी में राशि नहीं लौटाई गई तो 12 फीसदी ब्याज देना होगा।जबलपुर निवासी रामकुमार तिवारी की ओर से यह मामला दायर किया गया है। जिसमें कहा गया कि वे 31 मई 2021 को जल संसाधन विभाग से सेवानिवृत्त हुये हैं। सेवानिवृत्ति के बाद विभाग को यह एहसास हुआ कि गलत वेतन निर्धारण के चलते याचिकाकर्ता को अधिक भुगतान कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट व मप्र हाईकोर्ट के कई न्यायदृष्टांत पेश किये गये, जिससे यह स्पष्ट किया गया कि विभाग की गलती के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारी से वसूली नहीं की जा सकती। सुनवाई के बाद न्यायालय ने पाया कि वेतन निर्धारण के समय याचिकाकर्ता ने ऐसी कोई अंडरटेकिंग नहीं दी थी कि अधिक भुगतान पर उससे वसूली की जा सकती है। विभाग की ओर से भी अपने जवाब में ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया, इसलिए याचिकाकर्ता से रिकवरी अनुचित है। सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता स्वप्निल सोहगौरा ने पक्ष रखा।