अवैध फीस वसूली व पाठ्यपुस्तक घोटाले के आरोपियों को कोर्ट ने भेजा जेल

13 जून तक न्यायिक अभिरक्षा में
जबलपुर: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आलोक प्रताप सिंह की अदालत ने जबलपुर के बहुचर्चित अवैध फीस वसूली व पाठ्यपुस्तक घोटाले के आरोपियों अजय उमेश जेम्स, अतुल अनूप अब्राहम, एकता पीटर्स, लूवी मैरी साठे व शाजी थॉमस की जमानत अर्जियां निरस्त कर दीं। इसी के साथ पांचों को 13 जून तक की न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय कारागार, जबलपुर भेज दिया।इससे पूर्व आरोपियों की ओर से दायर जमानत अर्जियों पर सुनवाई हुई। अभिभावकों व छात्रों की ओर से आपत्तिकर्ता अधिवक्ता आरके सिंह सैनी की तरफ से जमानत आवेदनों का विरोध किया।

उन्होंने दलील दी कि अवैध फीस वसूली व मनमाने दामों में पाठ्य पुस्तक विक्रय गंभीर अपराध है। लिहाजा, इस मामले के पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए गए आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। कलेक्टर जबलपुर की कार्रवाई स्वागत योग्य है। आरोपितों ने एकराय होकर बिना वैध अनुमति के छात्रों पर नियम से अधिक फीस वृद्धि की गाज गिराकर करोड़ों रुपये अवैध रूप से अर्जित किए गए। यही नहीं बिना आइबीएसएन की नकली पुस्तकें प्रकाशकों से सैटिंग करके छात्रों को अपेक्षाकृत अधिक कीमत में विक्रय कर अवैध लाभ अर्जित किया गया।

आरोपितों ने अवैध कमाई के लिए कानून का अपालन कर अपराध किया है। इसीलिए पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया है। अदालत ने तर्क सुनने के बाद जमानत अर्जियां निरस्त कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश पारित कर दिया। पूर्व में इस मामले में 31 मई तक की पुलिस रिमांड दी गई थी। रिमांड अवधि पूर्ण होने पर पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश किया था।

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