परिवार ने बेटे को मुखाग्नि देने से किया मना फिर पुलिस ने निभाया फर्ज


छिंदवाड़ा,कहते है जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है। जब इंसान मुसीबत में होता है, भगवान किसी न किसी को उसके पास भेज देता है। चाहे इंसान जिंदा हो या मर गया हो। इसी तरह का एक मामला सामने आया है। जहां मरने के बाद शव को उसके परिजनों का कांधा नसीब नहीं हुआ। परिजनों ने मानवता को शर्मशार कर दिया। ऐसे में पुलिस ने अपनी कर्तव्य के साथ-साथ मानवता का परिचय देते हुए शव को कांधा देकर उसका अंतिम संस्कार करवाया। बताया जा रहा है कि मृतक का एक ही पुत्र है।

उसकी भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसे यह भी ज्ञात नहीं है कि उसके पिता की सांसें थम चुकी है। उसके पिता उसका साथ छोडक़र दुनिया को अलविदा कह गए।
जानकारी के अनुसार, मंगल प्रसाद पिता हरिप्रसाद उम्र 60 साल चांदामेटा का रहने वाला है। बीमारी के दौरान उसके परिजनों ने उसका इलाज भी नहीं करवाया। एक अज्ञात व्यक्ति ने उसकी परिस्थितियों को देखते हुए अपनी दया दिखाते हुए उसे 11 मई को गंभीर बीमारी के चलते भर्ती कराया था। जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान 22 मई को दोपहर ढाई बजे मौत हो गई। इलाज के दौरान भी परिजन उसे देखने नहीं आए। मौत के बाद मृतक का शव मरच्यूरी में रखवा दिया गया। मौत के बाद मृतक को उसके परिजनों को इंतजार था।

सोशल मीडिया में जानकारी वायरल की गई। इतना ही नहीं परिजनों को सूचित भी किया गया। इसके बाद भी परिजन मृतक का शव लेने नहीं आए। परिजनों को इतना भी तरस नहीं आया कि अंतिम समय में उसे अपनों का कांधा नसीब हो जाए। जबकि मरने के बाद परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाई जाती है। जिससे मृत आत्मा को शांति मिल सके। ऐसी स्थिति में पुलिस विभाग और निगम के कर्मचारियों ने परिजनों की भूमिका निभाते हुए उस शव का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया। टीआई उमेश गोहलानी ने अपनी देखरेख में शव का अंतिम संस्कार करवाया।

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