मुझे पुलिस अधिकारियों से न्याय की उम्मीद टूटी

बगदरा अभ्यारण्य क्षेत्र के झपरहवा गांव के 30 एकड़ भूमि रजिस्ट्री का मामला, फरियादी को अब तक मिली झूठी तसल्ली

सिंगरौली : चितरंगी तहसील क्षेत्र के बगदरा अभ्यारण्य के झपरहवा गांव के 30 एकड़ भूमि रजिस्ट्री के हेरफरे के मामले में पीडि़त संजय कुमार जायसवाल निवासी खटाई को अब तक उचित न्याय नही मिली है। पुलिस अधिकारियों के ढुलमुल रवैया से परेशान होकर अब धीरे-धीेरे न्याय की उम्मीद छोडऩे लगा है।दरअसल हुआ यूॅ था कि अभ्यारण्य बगदरा क्षेत्र के भूमियों के क्रय-विक्रय एवं नामांतरण को तत्कालीन कलेक्टर ने 22 मई 2023 को रोक लगा दिया था। इसके बावजूद उप पंजीयक सिंगरौली अशोक सिंह परिहार ने झपरहवा गांव के 30 एकड़ भूमि को अशोक जायसवाल के नाम 1 जून को रजिस्ट्री कर दिया था।

जहा भूमि स्वामी राकेश मल्लाह फर्जी निकला था। नामांतरण एवं भूमि सीमांकन के समय इसका खुलासा हुआ और पीडि़त संजय जायसवाल ने इसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर के यहां किया था। कलेक्टर के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने आधा दर्जन नामजद आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया था। लेकिन पीडि़त का कहना था कि प्रतिबंध के बावजूद झपरहवां गांव के भूमि की रजिस्ट्री उप पंजीयक ने कैसे कर दिया। यदि उप पंजीयक भूमि की रजिस्ट्री न करते तो आज मैं न्याय के लिए दर-दर न भटकते। उप पंजीयक को उक्त मामले में आरोपी बनाने के लिए पूर्व में पदस्थ एसपी श्री कु रैसी के साथ-साथ अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह में सिंगरौली के दौरे पर आये रीवा आईजी से भी फरियाद किया था। जहां आईजी के द्वारा कार्रवाई करने का निर्देशित किया गया था। अब पुलिस अधिकारी पूर्व में की गई शिकायतोंक्यो मुकर रहे हैं। यह बात गले से नही उतर रही है। कहीं न कहीं मामले को दफादफा करने की तैयारी है। इसी लिए कछुए की गति से जांच चल रही है। आगे कहा कि अब कलेक्टर से एक बार मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाउंगा । यदि कलेक्टर के यहां से न्याय नही मिला तो आचार संहिता हटने के बाद बैढऩ जिला मुख्यालय में धरना दूगॉ।
सीएम हेल्पलाईन शिकायत को बंद कराने का दबाव
शिकायतकर्ता व पीडि़त संजय जायसवाल का कहना है कि न्याय न मिलने की स्थिति में 8 जनवरी को सीएम हेल्पलाईन में शिकायत किया। सीएम हेल्पलाईन की शिकायत नम्बर 25581136 है। शिकायत के बाद थाना बैढऩ से सीएम हेल्पलाईन को बंद कराने के लिए दो-दो बार फोन कर दबाव दिया गया। भरोसा दिया जा रहा था कि शिकायत बंद करा दो। उप पंजीयक के खिलाफ जमीन रजिस्ट्री के मामले में एफआईआर जरूर होगी। लेकिन कोतवाली पुलिस का यह केवल झूठा आश्वासन था। उप पंजीयक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर नाम जोडऩे में पुलिस अधिकारी तारीख पर तारीख क्यो दे रहें हैं। यह बात समझ से परे है। पुलिस अधिकारी पूरे मामले में समय व्यतीत कर झूठी तसल्ली दे रहे हैं। इसके पीछे मंसा क्या है। कोतवाली के प्रभारी एवं सीएसपी ही बता पाएंगे
सीएसपी ने दो-दो घण्टे बैठाकर किये हैं पूछतांछ
फरियादी व पीडि़त संजय जायसवाल ने अपनी पीड़ा सुनाते हुये बताया कि पूर्व में पदस्थ पुलिस अधीक्षक मो. यूसुफ कु रैसी से कई बार मुलाकात कर अपनी पूरी व्यथा एवं पूरे घटना क्रम के बारे में अवगत कराया था। उन्होंने पूरे दस्तावेजों को देखने के बाद सीएसपी को कार्रवाई करने के लिए आवेदन पत्र सौंपा था और आश्वस्वत किया था कि उप पंजीयक के विरूद्ध अपराध दर्ज होगा और आगे कहा कि तत्कालीन एसपी के निर्देश पर उस समय सीएसपी ने तीन-तीन बार मुझे बुलाकर एक-एक दस्तावेजों को अच्छी तरह से देखे भी थे और कार्रवाई करने का भरोसा दिये थे। यहां तक की एक बार 2 घण्टे तक एक-एक बिन्दुओं पर जानकारी लिये थे और उनके व्हाट्सअप पर भी दो-दो बार दस्तावेज पोस्ट किया हूॅ और वें देखे भी हैं। अब सीएसपी साहब पूर्व शिकायत के बारे में कैसे मुकर रहे हैं, इस बारे में अब सीएसपी साहब ही कुछ बता पाएंगे।
इनका कहना
अभी चार-पॉच दिन पहले मुझे शिकायत पत्र प्राप्त हुया है। तहसीलदार एवं पंजीयक से कुछ अहम जानकारियां मांगी गई है। ओरिजनल रिकार्ड मांगा गया है। रिकार्ड मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पीएस परस्ते
सीएसपी,विंध्यनगर

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