विस्फोट कांड: भोला जिंदा है या मुर्दा

पहले मृत फिर पुलिस रिकॉर्ड मेें लापता हुआ
अपनी ही लिखा पढ़ी में फंसी पुलिस ने साधी चुप्पी

जबलपुर: खजरी खिरिया बायपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्री में गत माह हुए विस्फोट कांड से जुड़े कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं। पहले पुलिस ने ब्लास्ट में दो श्रमिकों के मारे जाने की पुष्टि की थी लेकिन बाद में पुलिस जिन मजदूरों को मृत बता रही थी उनमें से एक की गुमशुदगी दर्ज कर ली गई। जिससे ब्लास्ट में मारे लोगों की मौत की संख्या पर रहस्य बना हुआ है। पुलिस ने खलील और भोला नामक व्यक्तियों को मृत बताकर मौके पर मिले मानव अंगों को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा। जिनमेें से खलील के अंग की तो पुष्टि हो गई थी परंतु भोला के सैंपल मैच नहीं हुए थे। जिसके बाद अधारताल पुलिस ने उसकी गुमशुदगी दर्ज की थी। अब सवाल यह उठ रहा है कि भोला जिंदा है या मुर्दा? अगर ब्लास्ट में उसकी मौत नहीं हुई है तो वह कहां गया। अगर विस्फोट में उसकी मृत्यु हुइ है तो पुलिस ने उसके लापता होने की रिपोर्ट कैसे दर्ज कर ली। अपनी ही लिखा पढ़ी में फंस चुकी पुलिस ने फिलहाल मामले में चुप्पी साध रखी है।
25 अप्रैल को हुआ था धमाका
विदित हो कि खजरी खिरिया बायपास में शमीम कबाड़ी के कबाडख़ाने में 25 अप्रैल को विस्फोट हुआ था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि लगभग दस हजार वर्गफीट में फैला पूरा कबाडख़ाना ढह गया था। आसपास 10 किलोमीटर तक का क्षेत्र धमाके की गूंज से थर्ररा गया था। कबाडख़ाने में काम कर रहे दो मजदूर के चिथड़े उड़ गए थे। इसमें एक ही मजदूर खलील के मांस के टुकड़े की डीएनए जांच में पुष्टि हुई है। एक अन्य मजदूर भोला के मांस के टुकड़े तक नहीं मिले है। पुलिस रिकार्ड में वह अभी भी लापता है।
हजारों बम खोलों का हो चुका है विनिष्टीकरण
विदित हो कि खजरी खिरिया स्थित रजा मेटल इंडस्ट्री में भारी मात्रा में विस्फोटक मिला था।  मौके पर भारी मात्रा में मिले बम और बमों के खोल का विनिष्टीकरण किया जा चुका है। एनएसजी के साथ सेना ने विस्फोटक का विनिष्टीकरण किया है। हजारों बमों का सुरक्षित तरीके से विनिष्टीकरण किया गया है। इस दौरान ढाई से तीन हजार बम और उनके खोलों को नष्ट किया गया है।
एनआइए, एनएसजी जांच में जुटी
विस्फोट मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड-एनएसजी और नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी-एनआइए की  टीम ने बम और उनके खोल को जब्त किया गया था। मामले की जांच पड़ताल के साथ पूरा खाका तैयार हुआ है। जांच एजेंसियां बिन्दुवार तरीके से पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है आने वाले समय में मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
शमीम की गिरफ्तारी बनी चुनौती
रजा मेटल इंडस्ट्री का संचालक फरार हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम का बेटा फहीम है। यहीं पर शमीम का कबाडख़ाना भी था, जिसमें बड़े धमाके बाद जांच में कई प्रतिबंधित विस्फोटक मिले थे। अधारताल पुलिस ने घटना के बाद शमीम और उसके पुत्र फहीम समेत कबाड़ के व्यापार में साझेदार सुल्तान के खिलाफ मामला दर्ज किया था। फहीम, सुल्तान को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है जबकि फरार शमीम की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन चुकी है।
कहां से आए 125 और 30 एमएम के बम, खोल
सूत्रों के अनुसार मौके पर 125 और 30 एमएम के बम और उनके खाली खोल मिले थे। कबाड़ यार्ड तक बम, खोल कैसे पहुंचे और बारूद किस उद्देश्य एकत्रित किया जा रहा था और ऐसा कौन सा बारूद था जिससे न केवल बिल्डिंग ध्वस्त हो गई समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच जारी है।

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