सैकड़ों उपभोक्ताओं को नहीं मिला अप्रैल का बिजली बिल

० सब्सिडी से बाहर करने विद्युत मंडल के अधिकारियों ने किया कमाल, मीटरों की रीडिंग लेने में दिखाई गई लापरवाही

नवभारत न्यूज

सीधी 16 मई। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों उपभोक्ताओं को अप्रैल महीने का बिजली बिल का मैसेज नहीं मिला। जब इस संबंध में प्रभावित उपभोक्ताओं द्वारा जानकरी ली गई तो मालूम पड़ा कि उनके विद्युत मीटर की रीडिंग जनरेट नहीं गई। ऐसे में स्पष्ट है कि विद्युत मंडल अधिकारियों द्वारा छोटे उपभोक्ताओं को सब्सिडी से बाहर करने के लिये इस तरह का कमाल किया गया है।

बताते चलें कि 100 यूनिट तक की मुफ्त बिजली के लिए मध्यप्रदेश शासन की सब्सिडी स्कीम का फायदा उपभोक्ताओं को मिलने में बाधा आ रही है। कुछ माह से बिजली कम्पनी जानबूझकर उपभोक्ताओं की रीडिंग स्कीम से बाहर करवा रही है। दरअसल वर्तमान में महीनेभर बाद भी मीटर रीडिंग नहीं ली गई। निर्धारित तिथि बीतने के बाद भी उपभोक्ताओं को बिल नहीं मिल पाए है। जिससे कम से कम 30 दिन की रीडिंग के हिसाब से सब्सिडी स्कीम से बिल बाहर होना तय है।

पिछले माह भी कई उपभोक्ताओं के बिल स्कीम से बाहर कर दिए गए थे। जिससे जिनका बिल 300 से 500 के बीच प्रतिमाह आया करता था उन मध्यमवर्गीय परिवारों के बिल अचानक से 1000 से 1500 रुपए तक के आने लगे। कुल मिलाकर बिजली कम्पनी का यह नया फार्मूला सामने आया है जिसके माध्यम से माना जा रहा है कि सब्सिडी स्कीम को खत्म ही करने की योजना है। फिलहाल अभी तक भी बिल नहीं आने से सब्सिडी स्कीम का फायदा उपभोक्ताओं को मिलता नजर नहीं आ रहा है।

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ये है विद्युत सब्सिडी का मापदंड

संबल योजना और बिजली कम्पनी की सब्सिडी स्कीम के तहत आम उपभोक्ताओं को पहली 100 यूनिट बिजली 100 रुपए में दी जाती है। इसके बाद 100 से 150 यूनिट बिजली पर सामान्य दर से बिजली का बिल लिया जाता है। जिससे अधिकतम बिल 385 रुपए ही आ रहा था। लेकिन इसके बाद 151 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करने पर न्यूनतम 151 से 200 यूनिट पर 1501 रुपए और 350 यूनिट पर 2875 रुपए तक बिजली का बिल जमा करना पड़ेगा। अब जो 100 से 150 यूनिट तक की बिजली भी उपभोक्ताओं को मिल रही थी उसका भी गणित बिगाड़ा जा रहा क्योंकि यदि 30 दिन के बाद रीडिंग ली तो निश्चित तौर पर 150 यूनिट से अधिक बनना तय है।

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दो महीने से थमाया जा रहा है मनमाना बिल

जिले भर में बिजली कश्वपनी के मनमाने बिल उपभोक्ताओं को थमाए जा रहे हैं जिससे पूरा गणित उनका बिगड़ गया है। नियमानुसार 500 रुपए तक के बिल प्रतिमाह जमा करने वाले उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 1500 रुपए तक देने पड़ रहे हैं। जिसका अतिरिक्त लोड मध्यमवर्गीय और सामान्य परिवारों पर पड़ा है। माना जा रहा है कि चुनावी का सीजन अब खत्म हो गया है इसीलिए बिजली कम्पनी आम जनता पर बोझ बढ़ाने की तैयारी में है। जिससे दो से तीन गुना बोझ उपभोक्ताओं की जेब पर पडऩे वाला है।

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इनका कहना है

विद्युत मीटर की रीडिंग का काम सामान्यत: 25 तारीख से लेकर 10-12 तारीख तक चलता है। मीटर रीडिंग रीडर के लेने के साथ ही जनरेट कर दी जाती है। जहां तक खपत बढऩे के बाद सब्सिडी न मिलने की बात है तो वह दैनिक खपत के आधार पर तय होती है। यदि उपभोक्ता के यहां खपत 5 यूनिट तक है तो उसे सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इस तरह की शिकायत पर उपभोक्ता उनसे संपर्क कर सकते हैं।

विक्रम सिंह, एई, विद्युत मंडल सीधी

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