मध्यप्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में नए आयाम – यादव

भोपाल, 05 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन के कारण राज्य में सहकारिता क्षेत्र को नए आयाम मिल रहे हैं। दुग्ध उत्पादन, औद्योगिक विकास और अन्य क्षेत्रों में भी नित नए कार्य हाे रहे हैं।

डॉ यादव ने यहां अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दिवस के अवसर पर राज्य सहकारी संघ एवं अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज की ओर से आयोजित सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इस राज्य के सहकारिता क्षेत्र को नए आयाम मिल रहे हैं। दुग्ध-उत्पादन, औद्योगिक विकास सहित अन्य क्षेत्रों में हो रहे नए कार्यों में सहकारी समितियों को प्राथमिकता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सहकारिता समाज को एक करने के साथ ही युवाओं को बेरोजगारी से बचाने का माध्यम है। रोजगार का अर्थ सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं है। युवाओं को स्वरोजगार और स्वावलंबन से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है और वर्ष 2025 को रोजगार एवं उद्योग वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटी है, क्योंकि आंख पर पट्टी रहते हुए न्याय कैसे हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों के मूल अधिकार संविधान में उल्लेखित हैं और इसी भावना से व्यक्तियों के आपसी स्वावलंबन और सहभागिता का समावेश सहकारिता में है। वर्तमान सरकार में सहकारिता को लेकर व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है। नई समिति की पंजीयन प्रक्रिया 30 दिन में पूर्ण की जा रही है।

इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता ध्वज फहराकर और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों को पौधा भेंटकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालयीन विद्यार्थियों से संवाद किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता से उद्योग प्राप्त करने वाली 30 महिलाओं को सिलाई मशीन टूल किट वितरण के प्रतीक स्वरूप एक महिला को सिलाई किट प्रदान की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश में सहकारिता का आंदोलन खड़ा करने के लिए गुजरात में अमूल की स्थापना की। हजारों लोगों को दुग्ध-उत्पादन से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने और बेरोजगारी खत्म करने का कार्य किया। राज्य सरकार भी दुग्ध-उत्पादन बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है। अभी दुग्ध-उत्पादन में प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जो भविष्य में शीर्ष पर पहुंचेगा। इसी उद्देश्य से दुग्ध-उत्पादन में प्रदेश का योगदान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सहकारिता क्षेत्र की बड़ी भूमिका होगी।

डॉ. यादव ने युवाओं से संवाद करते हुए उन्हें सहकारिता क्षेत्र से जुड़े मूल मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता में आने का एक सूत्र है- जब भी कोई नया काम करें तो आत्मविश्वास मजबूत रखें। युवा जिस भी क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, पहले उसका अनुभव लें और यह भी देखें कि सहकारी समिति के माध्यम से इस क्षेत्र में क्या-क्या किया जा सकता है। सहकारी समिति के नेतृत्वकर्ता का दायित्व है कि पहले वह स्वयं पूरी जानकारी रखें और दूसरे साथियों को भी बताएं।

राज्य के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि आज विश्व अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने विकसित भारत के लिए सहकारिता को आगे बढ़ाने पर बल दिया। देश में सहकारिता मंत्रालय बनाकर केन्द्रीय मंत्री श्री शाह को जिम्मेदारी सौंपी। देश का इतिहास है कि जहां व्यक्ति है, वहां सहकारिता है। जब व्यक्ति का एक-दूसरे से समन्वय होगा, तभी देश एक होगा। सहकारिता केवल आय बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि देश और समाज को एक करने की पहल है। हमें रोजमर्रा की जिंदगी में सहकारिता को आत्मसात करना होगा। हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है।

 

 

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