नई दिल्ली, 25 फरवरी (वार्ता) आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान प्लास्टिक कचरे के बढ़ते प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से प्रयागराज नगर निगम के सहयोग से “महाकुंभ का महासंकल्प” पहल शुरू की, जिसका लक्ष्य दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को प्रभावी रूप से लागू करना है।
अल्ट्राटेक ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि 22 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक चलने वाली इस पहल के तहत एकत्र किए गए प्लास्टिक कचरे को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित अल्ट्राटेक की दल्ला सीमेंट वर्क्स इकाई में संसाधित किया जाएगा। इस कचरे का सीमेंट उत्पादन में वैकल्पिक ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होगी।
इस अभियान के तहत त्रिवेणी संगम एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में सफाई कर्मियों को तैनात किये जाने के साथ ही प्लास्टिक कचरा संग्रहण डिब्बे लगाए गए हैं। एक समर्पित सफाई वैन के माध्यम से प्लास्टिक कचरे को अलगाव केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही एलईडी एक्टिवेशन वैन के जरिए नागरिकों को प्लास्टिक अपशिष्ट पृथक्करण के बारे में जागरूक किया जा रहा है और उन्हें इस पहल में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
इस पहल का उद्देश्य लैंडफिल में जाने वाले प्लास्टिक कचरे की मात्रा को कम करना और मिट्टी एवं जल स्रोतों में प्लास्टिक के रिसाव को रोकना है। साथ ही यह अभियान सीमेंट निर्माण में पारंपरिक ईंधनों के स्थान पर प्लास्टिक कचरे के उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरणीय स्थिरता को सुदृढ़ करेगा।
कंपनी ने बताया कि अब तक 400 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा एकत्र कर दल्ला सीमेंट वर्क्स में संसाधित किया जा चुका है। इसके अलावा, अल्ट्राटेक प्रयागराज नगर निगम द्वारा स्वतंत्र रूप से एकत्र किए गए कचरे को भी संसाधित करेगी। अल्ट्राटेक पहले से ही प्रयागराज और लखनऊ नगर निगमों को प्लास्टिक कचरे के सह-प्रसंस्करण में सहायता प्रदान करता रहा है। कंपनी भारत के 80 से अधिक नगर निगमों को गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे के टिकाऊ निपटान में सहयोग दे रही है।
अल्ट्राटेक ने वित्त वर्ष 2024 में अपने भट्ठा संचालन और कैप्टिव पावर प्लांट में 5.43 लाख टन नगरपालिका ठोस कचरे (एमएसडब्ल्यू) का सह-प्रसंस्करण किया, जिससे लैंडफिल में जाने वाले कचरे की मात्रा में कमी आई।
महाकुंभ 2025 में अल्ट्राटेक की यह पहल ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत पर्यावरणीय स्थिरता और कचरा प्रबंधन के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे स्थानीय प्रशासन, समुदाय और औद्योगिक प्रयासों के माध्यम से एक स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।