जकार्ता, 13 मई (वार्ता) इंडोनेशिया के पश्चिम सुमात्रा प्रांत में भारी बारिश और ज्वालामुखी की ढलानों से बहते कीचड़ के कारण अचानक बाढ़ आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई और अभी भी 17 लोग लापता हैं।
स्थानीय आपदा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को शिन्हुआ को यह जानकारी दी।
पश्चिम सुमात्रा प्रांत की आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी की आपातकालीन इकाई के प्रमुख फजर सुकमा ने कहा कि लापता लोगों के लिये खोज और बचाव अभियान फिर से शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि खोज एवं बचाव अभियान में सैनिक, पुलिसकर्मी, आपदा एजेंसी और खोज एवं बचाव कार्यालय के कर्मी शामिल हैं।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी के एक वरिष्ठ प्रेस अधिकारी मुहर्रिंडो इदवान ने कहा कि बाढ़ के बारे में जानकारी को अधिक वैध बनाने के लिए तनाह दातार रीजेंसी में सूचना केंद्र स्थापित किया गया है।
श्री इदवान ने बताया कि मानसून की बारिश और माउंट मारापी की ठंडे लावे वाली ढलानों से कीचड़ के प्रवाह हुआ। कीचड़ वाले पानी की वजह से भूस्खलन हुआ। भारी बारिश के कारण शनिवार देर रात नदी में उफान आ गया। नदी में आए उफान के कारण पश्चिम सुमात्रा प्रांत के चार जिलों के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। उन्होंने बताया कि कई लोग बाढ़ में बह गए और 100 से अधिक घर और इमारतें जलमग्न हो गईं। ठंडा लावा ज्वालामुखीय सामग्री और मलबे का मिश्रण है जो बारिश में ज्वालामुखी की ढलानों से बहता है।