मटिया टोला में तीन दशक बाद भी नही बनी सड़क

कठदहा पंचायत के मटिया टोला की आबादी पॉच सैकड़ा, जंगलों व पहाड़ों के बीच घिरा है टोला, वन विभाग बना है रोड़ा

नवभारत न्यूज

सिंगरौली 9 मई। सरई तहसील क्षेत्र के कठदहा ग्राम पंचायत के मटिया टोला आज भी विकास से कोसो दूर है। करीब पॉच सैकड़ा आबादी वाले इस टोले में सड़क तक नसीब नही है। तीन दशक से लोग सड़क के इंतजार में हैं।

दरअसल सरई तहसील क्षेत्र का मटिया ऐसा टोला है। जिसकी जनसंख्या तकरीबन पॉच सैकड़ा से ऊपर है। यहां आदिवासी व पिछड़ा वर्ग जाति के लोग करीब तीन दशक से निवासरत है। घने घनघोर जंगल एवं पहाड़ों के बीच निवास करने वाले रहवासियों के सामने का अंधेरा कब छटेगा इसको लेकर लोगों में संसय की स्थिति बनी हुई है। बताया जाता है कि इस टोला में सड़क न होने से एम्बुलेंस तक भी टोले में नही पहुंच पाती थी। यदि महिलाओं को अस्पतालों में प्रसव कराने एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों को उपचार कराने अस्पातल की शरण तक रीबन 1 किलोमीटर से भी अधिक खाट का सहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है। ऐसे स्थिति में यहां के रहवासियों के सामने आवागमन की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों के अनुसार सड़क पहुंच मार्ग में मुख्य रूप से वन विभाग रोड़ा बना हुआ है। जिसके चलते पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य नही हो पा रहा है। वही इस संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन का भी ध्यान आकृष्ट कराया गया। लेकिन अब तक नतीजा ठाक के तीन पात के बराबर रहा है। फिलहाल कठदहा ग्राम पंचायत के करीब पॉच सौ आबादी वाले मटिया टोला में तीन दशक बाद भी पहुंच मार्ग न होने पर प्रदेश ने भाजपा सरकार के विकास का पोल खुलता नजर आ रहा है।

5 साल पूर्व सामान्य सभा की बैठक में उठा था मुद्दा

मटिया टोला पहुंच विहीन होने के मामले में करीब पॉच साल पूर्व तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य एवं कृषि समिति की सभापति तिलक राज सिंह ने जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में जोर शोर से मुद्दा उठाया था। जहां बैठक में तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सीईओ ने आश्वस्त किया था कि इस समस्या का निदान शीघ्र किया जावेगा। लेकिन जैसे-जैसे समय बितता गया जिला पंचायत के अधिकारी भी उप समस्या को भूलते गये। जबकि पूर्व सांसद तिलकराज सिंह ने यहां के एक-एक समस्या एवं रहवासियों की पीड़ा से अवगत कराया। उस समय उम्मीद जगी थी कि मटिया टोला का अंधिया छटेगा और पहुंच मार्ग बनेगी। लेकिन सब कुछ आश्वासन तक ही टीका रह गया है।

इनका कहना:-

मेरे गांव में विवाद एवं घटनाओं के समय पुलिस की डायल 100 वाहन नही पहुंच पाती। वहीं घर में किसी महिला को प्रसव के लिए अस्पताल तक ले जाना हो तो घर तक एंबुलेंस नही आ पाती। इसके लिए हम लोग एक किलोमीटर खाट से लेकर जाते हैं।

ठाकुर प्रसाद यादव, नि.मटिया

इनका कहना:-

गांव में बिजली की समस्या जैसे ट्रांसफार्मर जल गई। वहां पर बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ट्रांसफार्मर इसलिए नही बदल पाते क्योंकि मेरे गांव में सड़क नही है। वही डायल 100 डिलीवरी के लिए एंबुलेंस नही आ पाती। सड़क निर्माण करना अति आवश्यक है।

हरिवंश प्रसाद बैस, नि. मटिया

इनका कहना:-

आजादी के बाद भी टोला मटिया आज भी सड़क से सैकड़ों ग्रामीण वंचित हैं। शासन प्रशासन के लापरवाही का खामियाजा यहां के रहवासियों को तकरीबन तीन दशक से भुगतना पड़ रहा हे। यहां का अंधेरा कब छटेगा।

शिवकुमार यादव

निवासी मटिया टोला

इनका कहना:-

प्रशासन एवं शासन के काम करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति है तो वन अमले को भी दरियादिली दिखानी पड़ेगी। यहा सार्वजनिक हित के लिए है। ऐसे में ग्राम पंचायत भवन गन्नई से टोला मटिया की दूरी 2 किलोमीटर है। जिसमें एक किलोमीटर वन विभाग की भूमि सड़क बनाने में आवश्यकता है। अगर ऐसा संभव हो पाता है तो इस टोले तक सड़क निर्माण कराया जा सकता है।

मुन्ना सरकार गुप्ता

आंचलिक कलमकार,सरई क्षेत्र

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