एमआईसी सदस्य मेनका गांधी का पत्र पढ़कर हैरान
शहर में डॉग बाइट की घटनाएं लगातार बढ़ रही
उज्जैन:गौशाला की तर्ज पर स्वान साल बनाए जाने के लिए नगर निगम द्वारा तैयारी की जा रही थी साथ ही जिस प्रकार से डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ रही है ऐसे में स्वान को लेकर किसी ठोस नतीजे पर नगर निगम पहुंचने वाला था, उसके पहले ही पीपुल्स फॉर एनिमल का पत्र पहुंचने से नगर निगम में हड़कंप मच गया.दरअसल, पीपुल्स फॉर एनिमल संचालिका मेनका गांधी को भनक लग गई की उज्जैन नगर निगम श्वान को लेकर कोई नियमावली तैयार कर रहा है, गौशाला बनाने से लेकर शहर को श्वान विहीन करने की योजना पर मोहर लग पाती उसके पहले ही श्रीमती मेनका गांधी ने नगर निगम को पत्र भेज दिया.
एमआईसी सदस्य बोले पहले खाना खा लूँ की, पत्र पढ़ूं
नवभारत से चर्चा में एमआईसी सदस्य पार्षद रजत मेहता ने बताया कि श्वान को लेकर नगर निगम में योजना बनाई जा रही थी. महापौर मुकेश टटवाल से लेकर नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक को मैंने मौखिक व लिखित में आवेदन दिया था. इसके बाद अचानक पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था से एक पत्र मेरे घर उस वक्त पहुंचा जब मैं भोजन कर रहा था. पत्र वाहक महिला ने कहा कि आप तुरंत पहले पत्र पढ़िए, तब बमुश्किल में भोजन कर पाया.
श्वान को हाथ लगाया तो ठीक नहीं होगा
पीपल फॉर एनिमल के पत्र में उल्लेख था कि नगर निगम श्वान को लेकर यदि कोई योजना बना रहा है और वह श्वान के हित में नहीं है तो उसे निरस्त कर दिया जाए, यदि किसी भी श्वान को हाथ लगाया तो ठीक नहीं होगा. इसके बाद नगर निगम ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं.
शहर में बढ़ रही डॉग बाइट की घटना
दरअसल नगर निगम द्वारा गौशाला की तर्ज पर श्वानशाला बनाए जाने की तैयारी भी की जा रही थी. साथ ही डॉग बाइट की घटनाओं के बाद नगर निगम पर आम जनता का भारी दबाव भी है, सोशल मीडिया पर नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ टिका टिपण्णी की जा रही है ,नेताओं को भी भला बुरा कहा जा रहा है ,ऐसे में श्वान को लेकर नगर निगम तैयारी कर रहा था कि डाक बाइट की घटनाएं न हो ,अब पीपुल्स फॉर एनिमल से पत्र आने के बाद पूरी योजना धरी की धरी रह गई है.
बिंदुओं का अध्ययन करेंगे
नवभारत से चर्चा में पार्षद रजत मेहता ने बताया की पीपुल्स फॉर एनिमल से एक पत्र पहुंचा है, जिसमें संस्था ने कई सारे बिंदुओं का उल्लेख किया है, श्वान को लेकर हम योजना बना रहे हैं अब जो बिंदु बताए गए हैं उसको लेकर हम अध्ययन करेंगे और एक्सपर्ट से अभीमत भी लेंगे इसके बाद भी योजना पर आगे काम होगा।आश्चर्य तो यह भी है कि मेनका गांधी नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों का नाम तक जानती है