बंगाल के कई क्षेत्रो में जारी हिंसा, प्रदर्शनों के बीच राजनीतिक दोषारोपण शुरू

कोलकाता, 12 अप्रैल (वार्ता) संसद में हाल ही में पारित वक्फ अधिनियम के विरोध में पश्चिम बंगाल के कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शनो और तनाव के बीच राजनीतिक उठापटक और तेज हो गई है जिसके चलते आज सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक दूसरे पर अपने-अपने राजनीतिक हित साधने के आरोप लगाये।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां जारी अपने एक शांति संदेश में राज्य की अशांति के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। हालाकि उन्होंने भाजपा का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा,“हमें यह नहीं भूलना चाहिए की हमसब जिस कानून का विरोध कर रहे है उसे हमने नहीं बनाया, उसे केन्द्र सरकार ने बनाया है। इसीलिए इस बाबत जिम्मेदारी और जवाबदेही उन्हीं की बनती है।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कुछ राजनीतिक दल अपने राजनीतिक फायदे के लिए धर्म को भुना रहे हैं और हमें उनके जान में नहीं फंसना चाहिए।

इस बीच नेता प्रतिपक्ष सुवेन्दु अधिकारी ने सुश्री बनर्जी पर पलटवार करते हुए त्वरित प्रतिक्रिया दी और चेताया कि अगर मुख्यमंत्री में थोडी बहुत शर्म बची हो तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। वो राज्य में अराजकता की आग सुलगाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। अगर वह ऐसा करती हैं तो जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। चूंकि अब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है तो वे मुश्किल में हैं और मदद के लिए आग्रह कर रही हैं।

नंदीग्राम से भाजपा के विधायक अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा,“आपने जितने भी विध्वँसक् कटटरपंथियों को पाला उनसभी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे आप पर निर्भर नहीं हैं तो अब वे आपकी अपीलों पर कोई ध्यान नहीं देते। जो विधायक और सांसद मतो में धांधली कर जीते हैं उनका भी कोई नियंत्रण नहीं रहा।” उन्होंने आरोप लगाया कि समूचे मुशीर्दाबाद और माल्दा अब कटटरपंथियों के कब्जे में है।

इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने भी राज्य में बिगडती कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए मुख्यमंत्री काे ही जिम्मेदार ठहराया। सोशल मीडिया एक्स पर प्रकाशित अपने एक पोस्ट में श्री मजूमदार ने कहा,“आज सुबह से ही मुर्शीदाबाद में शमशेरगंज और उसके आसपास के इलाको से आज तडके से ही हमलों की खबरे आ रही हैं। लेकिन नाकाम मुख्यमंत्री के आदेशानुसार राज्य की पुलिस निकम्मी पुलिस ने इंटरनेट सेवाए और सूचनातंत्र को ही बाधित कर दिया है।”

पूर्वाेत्तर क्षेत्रों के विकास मामलों के केन्द्रीय मंत्री मजूमदार ने आगे कहा कि इस आंदोलन के पीछे का मूल उददेश्य कट्टरपंथी जेहादियों द्वारा मुशर्दाबाद से हिन्दूओं का नामोनिशान मिटाना है। हमे आशंका है कि कट्टरपंथी आतंकी संगठन नेपथ्य में इसे बढावा दे रहे हैं1 इन सबके बावजूद तुष्टीकरण करने वाली मुख्यमंत्री की चुप्पी गंभीर संदेह उत्पन्न करती है।

गौरतलब है कि तीन अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम के संसद में पारित होने के बाद से ही राज्य के कई भागों में पिछले तीन दिनों से हिंसा जारी है1 माल्दा, मुर्शीदाबाद, साउथ 24 परगना और हुगली जिलो से पुलिस वाहनों में आग लगाए जाने और सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके जाने की खबरे आ रही हैं।

पुलिस के मुताबिक इस सिलसिले में अब तक 110 लाेगो को गिरफ्तार किया गया है जबकि हिंंसक घटनाओ में कम से कम दस पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

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