फिर भी देवसर में एक उप पंजीयक की स्थाई रूप से पदस्थापना नही हो पा रही है। पिछले दो वर्षों के दौरान 10-10 दिन के लिए कई रजिस्ट्रार आए और गए, लेकिन जिला प्रशासन को इस बात की शायद कोई परवाह नही की। वही औसतन प्रतिदिन आधा सैकड़ा रजिस्ट्री उप पंजीयक कार्यालय देवसर में हो जाया करती थी, तो वही अब कार्यालय में ताला बंद होने से यहां के रजिस्ट्री लेखक, स्टांप वेंडर, वकील, आम नागरिकों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
वही देवसर में पहले उप रजिस्टार कार्यालय एसडीएम कोर्ट के सामने हुआ करता था, लेकिन एसडीएम कोर्ट के साज-सज्जा के खातिर उसको जमीन डोज कर दिया गया। अब पुराने तहसील भवन के एक खंडहर कमरे में उप रजिस्टार कार्यालय का संचालन हो रहा है। सुविधा विहीन जर्जर बिल्डिंग में उप पंजीयक कार्यालय संचालित है। जबकि यह विभाग शासन का कमाऊ पूत है और यहीं से सरकार को राजस्व मिलता है।