नयी दिल्ली 02 अप्रैल (वार्ता) कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) का चौथा चरण लागू किया जा रहा है और पहले चरण में प्रशिक्षित कुल 71 लाख में से 43 प्रतिशत काे प्लेसमेट मिला है।
श्री चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पहले तीन चरणों में, प्रशिक्षण भागीदारों को भुगतान का कुछ हिस्सा उन्हें उम्मीदवारों के प्लेसमेंट को ट्रैक करने और रिपोर्टिंग करने से जुड़ा था। प्रशिक्षित कुल 71 लाख में से, प्लेसमेंट 43 प्रतिशत अर्थात 24,37,00 रहा है। अगले चरण में, प्रशिक्षण को अधिक मान्यता प्राप्त संस्थानों में स्थानांतरित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने कहा, “यह देखते हुए कि स्कूलों में भी प्रशिक्षण चल रहा है। अब हमारा दृष्टिकोण हमारे कौशल कार्यक्रमों को पारदर्शी तरीके से जोड़ना है और एक फ्लेक्स-मॉडल लाना है। प्रशिक्षण जीवनचक्र को स्किल इंडिया डिजिटल हब पर रखा गया है। हम छात्रों को अपने कौशल को देखने और जीवन भर उन्हें विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”
उन्होंने कहा कि आवश्यक प्राधिकारी से अनुमोदन में देरी हुई और कोविड-19 महामारी के कारण व्यवधान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप खर्च आवश्यकता के बराबर नहीं हो पाया। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि प्रगति की गति अब बढ़ गई है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के बारे में भी सवालों का जवाब दिया कि कौशल आपूर्ति मांग से मेल खाती है। उन्होंने कहा कि उद्योगों द्वारा संचालित 36 सेक्टर परिषदें हैं, जिन्हें उद्योग के भविष्य की दिशा और कौशल अंतराल के बारे में समझ है। उनका कहना है कि सेक्टर परिषदों को कौशल अंतर सर्वेक्षण करने का अधिकार है। वह मानते हैं कि संपूर्ण कौशल प्रोग्रामिंग को एकीकृत किया जाना चाहिए, जिससे यह वास्तविक कौशल अंतराल पर आधारित और गतिशील हो, बजाय इसके कि यह निर्देशात्मक और परियोजना-उन्मुख हो।