समुद्री माल परिवहन विधेयक 2024 लोकसभा से पारित

नयी दिल्ली 28 मार्च (वार्ता) लोकसभा ने समुद्री माल परिवहन विधेयक 2024 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

केन्द्रीय जलमार्ग एवं पोत परिवहन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सदन में इस विधेयक पर हुई चर्चा का संक्षिप्त जवाब दिया और इसके बाद इस विधेयक का ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन ने विपक्ष के नेताओं द्वारा लाये गये संशोधनों को बहुमत से खारिज कर दिया।

श्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि ये विधेयक स्वतंत्रता पूर्व का कानून के स्थान पर लाया गया है। आज भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है तो देशवासियों की इच्छा है कि हमारे कानून हमारे दृष्टिकोण से बने। इसे लाने का काम हमारे सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। देश में बहुत बड़ा बदलाव देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत लोग और 75 प्रतिशत माल की ढुलाई इस रास्ते की जाती है। सभी पक्षकारों से लंबी चर्चा के बाद सभी के हितों का ख्याल रखा गया है। इस विधेयक में 1925 के कानून को बदलने का प्रयास किया गया है। भारतीय विधिक प्रणाली में ब्रिटिश कालीन कानूनों एवं नियमों की भरमार थी। प्रधानमंत्री ने इन्हें समझ कर आधुनिक बनाया या खत्म किया। विभिन्न समुद्री कानून, देशी जहाज कानून, भारतीय बंदरगाह अधिनियम आदि के प्रावधान इसमें शामिल किये गये हैं। नया विधेयक अंतरराष्ट्रीय संधियों के अनुरूप बनाया गया है। यह जहाजों के उत्तरदायित्व को तय करता है।

श्री सोनोवाल ने कहा कि 2025 का हमारा प्राथमिक कर्तव्य बनाये और सरलीकृत करें और इस विधेयक में छोटे छोटे बदलाव किये गये हैं। ये प्रावधान यह सुनिश्चित करने के लिए है। ये विधेयक में दस खंड में रखे गये हैं। किस प्रकार में किस प्रकार की शक्तियां इस कानून में दी गयीं हैं। इन कैरियरों की ठीक समझ पर आधारित होने चाहिए। कैरियर के नुकसान को बचाता है। यह वाणिज्यिक दक्षता प्रदान करेगा।

यह कानून भारत के एक बंदरगाह से भारत के दूसरे बंदगाह या दुनिया के किसी भी बंदरगाह तक माल की ढुलाई की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट से संबंधित प्रावधान करता है। यह कानून अगस्त 1924 के बिल्स ऑफ लेडिंग संबंधी कानून के कुछ नियमों के एकीकरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय नियमों (हेग नियम) और उसमें बाद के संशोधनों के अनुरूप है। विधेयक कानून के सभी प्रावधानों को बरकरार रखता है।

इस विधेयक में केंद्र सरकार की शक्तियों में विधेयक केंद्र सरकार को निम्नलिखित शक्तियां प्रदान करता है: (1) बिल के प्रावधानों को लागू करने के लिए निर्देश जारी करना, और (2) बिल्स ऑफ लेडिंग (लदान हुंडी) पर लागू होने वाले नियमों को निर्दिष्ट करते हुए अनुसूची में संशोधन करना। बिल्स ऑफ लेडिंग यानी लदान हुंडी उस दस्तावेज को कहा जाता है, जो कोई मालवाहक (फ्रेट करियर) किसी माल भेजने वाले व्यक्ति या कंपनी (शिपर) को जारी करता है। इस दस्तावेज में वस्तुओं के प्रकार, मात्रा, स्थिति और गंतव्य का विवरण होता है। नियमों में मालवाहकों की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट को स्पष्ट किया गया है।

Next Post

ISBT के प्रवेश द्वार का कराएं सीमांकन 

Fri Mar 28 , 2025
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email   सतना। शहर के मैहर बाइपास पर निर्माणाधीन इंटर स्टेट बस टर्मिनल के प्रवेश द्वार को लेकर लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध को देखते हुए कलेक्टर और सतना स्मार्ट सिटी के सीईओ डॉ. सतीश कुमार […]

You May Like

मनोरंजन