5 माह 12 दिनों में दोषियों को दी कठोर सजा
नवभारत न्यूज
इंदौर. आर्मी अफसर और महिला के साथ हुई सनसनीखेज घटना में न्यायालय ने 5 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस गंभीर मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए महज एक माह में जांच पूरी कर अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. न्यायालय ने 5 महीने 12 दिन में निर्णय सुनाते हुए दोषियों को कठोर सजा दी है.
घटना 11 सितंबर 2024 को हुई थी, जब पीडि़त कौशलसिंह को एक महिला के साथ बडग़ोंदा थाना क्षेत्र में अपराधियों ने बंधक बनाकर मारपीट और लूटपाट की थी. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर पीडि़तों को रेस्क्यू किया और मेडिकल परीक्षण कराया. पुलिस की तत्परता से मुख्य आरोपियों की पहचान कर 12 सितंबर को दो अभियुक्तों अनिल भील और विनोद भील को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद 13 सितंबर को अन्य चार अभियुक्तों को भी हिरासत में लिया गया, जिनमें रीतेश भील, रोहित गरवाले, सुदिन मकवाना और एक नाबालिग आरोपी शामिल थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयोग की गई बाइक, लूटे गए रुपए, डंडे, चाकू और एक देशी पिस्टल बरामद की. डीएनए प्रोफाइलिंग और एफएसएल रिपोर्ट समेत ठोस सबूतों के आधार पर 16 सितंबर को सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
न्यायालय का फैसला
मामले में 21 अक्टूबर 2024 को चार्जशीट दाखिल की गई और अभियोजन पक्ष ने मजबूत दलीलों के साथ 32 गवाह पेश किए. आखिरकार, अदालत ने 5 अभियुक्तों को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई.
न्यायालय के प्रमुख आदेश
5 दोषियों को शेष जीवनभर के लिए आजीवन कारावास. पीडि़त को 5 हजार रुपए और अन्य पीडि़तों को 2-2 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश. 5 महीने 12 दिन में न्यायालय ने फैसला सुनाया. डीएनए रिपोर्ट और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध हुआ.
इन अधिकारियों की रही अहम भूमिका
इस महत्वपूर्ण फैसले में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के मार्गदर्शन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महू रूपेश कुमार द्विवेदी, एसडीओपी महू दिलीपसिंह चौधरी, बडग़ोंदा थाना प्रभारी निरीक्षक लोकेन्द्र सिंह, जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती संध्या उईके सहित पूरी पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही. ेपुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी कार्यवाई से यह मामला न्यायिक प्रक्रिया के लिए मिसाल बन गया है, जिससे भविष्य में अपराधियों को सख्त संदेश मिलेगा.