अशासकीय स्कूल मान्यता नवीनीकरण की गाइडलाइन पर खरे नहीं उतर रहे

मोहन बड़ोदिया: अशासकीय स्कूलों में मान्यता नवीनीकरण का दौर शुरू हो गया है. विगत वर्ष शाजापुर जिले के कुल 481 निजी स्कूलों को मान्यता नहीं दी गई थी. इसका कारण था नियमों के मुताबिक स्कूलों में सुविधा का अभाव. इस वर्ष भी कई स्कूलों में सुविधाओं का अभाव है. इधर,गाइडलाइन के अनुसार स्कूल में पर्याप्त पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध होना ,खेलकूद एवं खेल उपकरण ,पुस्तकालय प्रति छात्र कम से कम दो पुस्तकें ,स्कूल में पत्रिकाएं / समाचार पत्र स्वच्छ पेयजल के साथ ही भारतीय / पश्चिमी प्रसाधन उपलब्ध होना अनिवार्य है.

स्कूल में बालक प्रसाधन प्रति 50 छात्र होना अनिवार्य है. स्कूल में बालिकाओं हेतु प्रसाधन प्रति 50 छात्रा होना अनिवार्य है. दिव्यांग बच्चों के लिए उपयुक्त प्रसाधन अनिवार्य है. स्कूल में क्रियाशील स्थिति में अग्नि सुरक्षा उपकरण प्रति तल न्यूनतम 1 उपलब्धता अनिवार्य, प्रत्येक छात्र के लिए बैठने तथा अध्ययन के लिए समुचित फर्नीचर अनिवार्य है.यहां मोहन बड़ोदिया ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले अशासकीय स्कूलों का वेरीफिकेशन मोहन बड़ोदिया बीआरसी स्तर से होता है. नियमों के मुताबिक मोहन बड़ोदिया ब्लॉक में दर्जनों ऐसे स्कूल आज भी हैं, जिनमें पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है. उनकी मान्यता नवीनीकरण का मसला लटक सकता है।
इनका कहना है
अशासकीय स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण का कार्य चल रहा है. मोहन बड़ोदिया ब्लॉक में लगभग 100 अशासकीय स्कूल हैं, जिनमें से 25 स्कूल की अनुशंसा कर दी गई है.
ब्रजमोहन कारपेंटर, प्रभारी बीआरसी, मोहन बड़ोदिया

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