बजट में चंबल को सौगातें , फिर भी अधूरी रही आस

ग्वालियर चंबल डायरी

हरीश दुबे

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मोहन यादव सरकार के पेश हुए बजट से ग्वालियरवासियों ने कई उम्मीदें लगा रखी थीं, उनमें से कुछ पूरी हुईं और कुछ नहीं। चूंकि चंबल क्षेत्र की आजीविका कृषि आधारित है, लिहाजा यहां के किसानों ने कर्जमाफी और समर्थन मूल्य बढ़ाने की आस लगाई थी जो पूरी नहीं हुई है। निम्नमध्यम वर्गीय आबादी बिजली की बढ़ी हुई दरों में रियायत चाहती थी लेकिन यह आस अधूरी रही, लेकिन ऐसा नहीं है कि जगदीश देवड़ा के बजट में ग्वालियर का दामन खाली ही रहा। कई सौगातें मिली हैं, मसलन आर्थिक कड़की की हालत से गुजर रहे ग्वालियर के राजमाता कृषि विश्वविद्यालय को नया वैभव देने के लिए करोड़ों के प्रावधान किए गए हैं तो ग्वालियर में माइक्रोसरफेसिंग पद्धति से सड़कों की मरम्मत और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से फुल डेप्थ रिक्लेमेशन पद्धति से ग्वालियर, गुना, दतिया जिलों में सड़कों का निर्माण करने जैसी घोषणाएं भी उम्मीद जगाती हैं। प्रदेश में जो 39 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, इस प्रावधान ने ग्वालियर के युवाओं में उम्मीद जगा दी है। जरूरत इस बात की है कि इन नए औद्योगिक क्षेत्रों में ग्वालियर चंबल के सुशिक्षित युवाओं को प्राथमिकता के साथ रोजगार दिया जाना चाहिए। ग्वालियर के राजनीतिक दलों ने अपने अपने स्थापित दृष्टिकोण की सीमाओं में बंधे रहकर बजट पर प्रतिक्रिया दी है। खास बात यह है कि बजट में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है, लिहाजा न महंगाई बढ़ेगी और न कम होगी। लाडली बहना योजना बंद करने की अफवाहों पर बजट ने विराम लगा दिया है लेकिन इस योजना की राशि न बढ़ाए जाने से बहनाओं को निराशा जरूर हुई है। इस योजना को केंद्र की योजना से जोड़े जाने से यह जरूर सुनिश्चित हो गया है कि कम से कम साल भर तक तो इस योजना में कोई व्यवधान नहीं है।

 

पदयात्रा के जरिए नई सियासी मंजिल की तलाश

 

भूपेंद्र कैराना कभी आप पार्टी में बड़े नेता हुआ करते थे लेकिन केजरीवाल से मोह भंग होने के बाद चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के टिकट पर मेहगांव से विधानसभा चुनाव लड़ गए। अब वे खुद की दम पर अपने लिए राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं और भिंड इटावा हाईवे को सिक्सलेन, एक्सप्रेसवे बनाने, अग्निवीर योजना बंद करने, चंबल में शराबबंदी लागू करने, किसानों के कर्जामाफी आदि मांगों को लेकर पदयात्रा पर निकले हैं। भिंड जिले के चंबल पुल से दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास तक लगभग 600 कि.मी की समस्या समाधान पदयात्रा जिन मार्गों से होकर गुजर रही है, वहां वे लोगों को अपना एजेंडा बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि पदयात्रा के माध्यम से अपना राजनीतिक जनाधार साबित कर जल्द ही वे मुख्य धारा के किसी राजनीतिक दल का दामन थामकर भविष्य की दशा दिशा पक्की करेंगे।

 

हितानंद आए तो गर्मा गईं सत्तादल की वीथिकाएँ

 

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ग्वालियर आए तो सत्ता दल की वीथिकाएं गर्मा गईं। ग्वालियर चंबल संभाग की समीक्षा बैठक में उनके तेवर सख्त नजर आए। प्रदेश संगठन महामंत्री जब ग्वालियर चंबल में चल रहे आजीवन सहयोग निधि अभियान की अपडेट स्थिति की जानकारी ले रहे थे तो उन्होंने साफ संकेत दे दिए कि प्रदेश नेतृत्व से मिलने वाले दिशा निर्देशों का कड़ाई के साथ ए टू जेड पालन किया जाए। चूंकि समीक्षा बैठक में आजीवन सहयोग निधि अभियान के प्रदेश प्रभारी गोपीकृष्ण नेमा, संभाग प्रभारी विजय दुबे, पूर्व सांसद आलोक संजर, जिलाध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया उपस्थित थे, लिहाजा हितानंद के समक्ष जल्द ही ग्वालियर संभाग की तस्वीर उभर कर सामने आ गई। गौरतलब है कि भाजपा के नए जिलाध्यक्ष राजौरिया की मौजूदगी में पिछले हफ्ते मुखर्जी भवन पर हुई बैठक में पिछले साल आजीवन सहयोग निधि के कुछ कट्टे गायब होने और प्रदेश मुख्यालय में पूरी रकम जमा होने का मामला गर्मा गया था।

 

शिवपुरी को मिल गई 9वें टाइगर रिजर्व की सौगात

 

शिवपुरी की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने माधव टाइगर रिजर्व” का शुभारंभ कर दिया है। सीएम ने पन्ना से लाई बाघिन को उसके प्राकृतिक आवास में छोड़कर प्रदेश को 9वें टाइगर रिजर्व की सौगात दी है। जाहिर है कि ग्वालियर चंबल देश के पर्यटन नक्शे पर और तेजी से उभरेगा।

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