स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे थे दस लाख

इंदौर:एमआईजी पुलिस ने महाराष्ट्र के एक फर्जी डिप्टी कलेक्टर को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने शहर के स्टूडेंट को स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने के नाम पर दस लाख रुपए की ठगी की थी. आरोपी लाल बत्ती वाली कार में घुम कर खुद को भोपाल में राजस्व विभाग का डिप्टी कलेक्टर बताता था. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.
एडिशनल डीसीपी अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि बीबीए के एक स्टूडेंट ने सारांश मिश्रा ने एमआईजी थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज करवाई थी, पुष्प विहार कालोनी में रहने वाले संकेत चव्हाण ने उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.

सारांश ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2025 में उसकी मुलाकात महालक्ष्मी मंदिर में संकेत चव्हाण से हुई थी. वह लाल बत्ती लगी कार में आया था और खुद को भोपाल में राजस्व विभाग में अपर कलेक्टर पद पर पदस्थ बताने लगा. बातचीत के दौरान उसने मुझे स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया और धीरे-धीरे अलग-अलग किश्तों में एक लाख दस हजार रुपए ले लिए. इसके बाद वह तीन लाख और मांगने लगा.
दस्तावेज निकले नकली
कुछ दिनों बाद सारांश अपने पिता के साथ आरोपी के बताए पते पर गया, तो वहां अपर कलेक्टर की फर्जी नेमप्लेट लगी थी. आरोपी ने नौकरी से संबंधित कुछ दस्तावेज भी दिए, लेकिन जब उनकी डिपार्टमेंट में जांच कराई तो वे नकली निकले. मामला सामने आने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. संभावना है कि आरोपी ने इसी तरह और भी लोगों को ठगा होगा. पुलिस अब उसकी क्रिमिनल हिस्ट्री खंगाल रही है.

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